माँ सरयू की जलधारा में अभिषेक के चढ़ाई गई चुनरी गंगा दशहरा मां गंगा के दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन सभी गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में लोग स्नान और दर्शन पूजन कर अन्य दान भी किया हैं तो वही राम नगरी अयोध्या में भी इसको परंपरागत रूप से मनाया। लेकिन आज का यह पर्व वैष्णो समुदाय फिर संतो के लिए भी बड़ा महत्व रहा। दरअसल आज ही के दिन वैष्णो समुदाय के संत माघ पंचमी से प्रारंभ होने वाले धुना तपस्या की पूर्णाहुति भी सम्पन हुई।
गंगा दशहरा पर पूरी होती है वैष्णो समुदाय के संतों की तपस्या गंगा दशहरा के मौके पर सरयू तक पर वैष्णो समुदाय के संत परशुराम दास ने बताया कि जेष्ठ माह की दशमी तिथि को गंगा दशहरा के मौके पर प्रत्येक वर्ष हम लोग मानते हैं। और माघ पंचमी की तिथि से वैष्णो संत के द्वारा पंचधुना का आहुति भी आज ही के दिन किया जाता है। पंचधुना में तीन प्रकार के चतुर्मासा होता है जिसमे इस एक माह के तिथि ने अग्नि के बीच बैठक तपस्या करते हैं। उसका भी विसर्जन किया जाता है। और आज दोनों तिथि एक ही साथ होने पर हम लोग बहुत भव्यता के साथ मानते हैं।