वहीं बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा मैंने मस्जिद नहीं रामजन्मभूमि के खंडार को तोड़ा है। इसके लिए मुझको आजीवन कारावास या फांसी होती है तो सजा भुगतने के लिए तैयार हूं। उन्होंने दावा करते हुए कहा जहां रामलला विराजमान है वहां मस्जिद कैसे हो सकती है। इसका प्रमाण है जब ढांचा टूटा तो उसके अंदर हनुमान जी, दुर्गा माता, गणेश जी और वराह भगवान की मूर्ति मिली। मस्जिद का कोई चिन्ह नहीं मिला। उन्होंने कहा वहां बाबरी नाम की कोई चीज ही नहीं, वहां केवल राम लला का मंदिर था। इस बात की पुष्टि हाई कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अपने निर्णय में कर दिया है, कि जहां रामलला विराजमान है वहीं राम की जन्मभूमि है ।इस बात को सुप्रीम कोर्ट भी मानना चाहिए।
भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहा काफी लंबे समय से केस चल रहा है। अब फैसला अदालत को करना है ।उन्होंने कहा वो बाबरी विध्वंस है ही नहीं, वो जीर्णशीर्ण ढांचा था जो गिर गया।