राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय का फैसला देश ही नही बल्कि विश्व का सबसे बड़ा फैसला रहा है। यह विवाद 29 वर्षों में लोवर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सैकड़ों अधिवक्ता अपनी दलीलें व सबूत पेश किए है और आज राम मंदिर के पक्ष फैसला मिला। जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद सभी अधिवक्ताओं का सम्मानित करेगी । वहीं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता की परासरण के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का दल रामलला का दर्शन करेगी। इस पूरे आयोजन को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा कई शीर्ष नेताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है। जिसमें भाजपा उपाध्यक्ष भूपेंद्र, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी, साध्वी ऋतंभरा पहुंचेंगे साथ ही उमा भारती कल्याण सिंह के आने की भी संभावना है।
इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री अमरीश चंद्र ने बताया कि अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि है इसे गलत साबित नहीं कर सकता है। लेकिन आज जिस प्रकार से वर्षों से राम जन्म भूमि को लेकर विवाद चल रहा था राम जन्मभूमि के पक्ष में अधिवक्ताओं के कठिन परिश्रम से कोर्ट ने फैसला दिया है। वही बताया कि मंदिर विवाद को लेकर कोई संगठन नहीं बल्कि हिंदू समाज में लड़ाई लड़ी है जिसमें हिंदू समाज को ही प्रतिनिधित्व का अधिकार है आज राष्ट्रीय स्वाभिमान का पूर्ण आहुति हुई है वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को लेकर बताया कि या राम मंदिर किसी सरकार के अधीन नहीं होगा सरकार को सिर्फ ट्रस्ट के स्वरूप को तैयार करने के लिए दिया गया है वही बताया कि 23 नवंबर को फसलें को लेकर सभी अधिवक्ता एवं राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया है