राम मंदिर ट्रस्ट पर लगाया गया था भ्रष्टाचार का आरोप अयोध्या में जमीन खरीदी जाने को लेकर पूर्व में हुए एग्रीमेंट की कॉपी सामने आने के बाद लगे आरोपों की झड़ी अब समाप्त होती दिखाई दे रही है। इस आरोप में बताया गया था कि अयोध्या के जयसिंहपुर वार्ड स्थित बाग बघेश्वर क्षेत्र में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा व नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के गवाह में दो करोड़ की भूमि पर 18 करोड रुपए की लागत से ट्रस्ट के नाम बैनामा कराया गया। इस आरोप के बाद अयोध्या सहित प्रदेश भर में राजनीतिक पार्टियां सत्ता शासन व राम मंदिर ट्रस्ट पर चंदे के दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया जा रहा था।
सुल्तान अंसारी ने दिखाये पुराने एग्रीमेंट जिसके बाद सामने आए सुल्तान अंसारी ने इस पूरे मामले पर कहा कि 2011 में ही जमीन का एग्रीमेंट किया गया था। कोई नया नही है। और तेज नारायण पांडेय व संजय सिंह का आरोप गलत है। इस एग्रीमेंट का 4 बार रिनिवल हुआ है। और मेरी आस्था राम जन्मभूमि पर है । इसलिए राम के काम के लिए जमीन दिया। जब कि जमीन की सर्किल रेट देखे तो यह जमीन की मलियत 24 करोड़ है। लेकिन सर्किल रेट से कम में ट्रस्ट को दिया है जिसका मेरे पास साक्ष्य है।