scriptAyodhya : जमीन घोटाले का बड़ा खुलासा 20 लाख की जमीन का कैसे ट्रस्ट ने दिए 2.50 करोड़, विक्रेता महंत आये सामने | Allegations of land purchased in the name of Ram Mandir | Patrika News

Ayodhya : जमीन घोटाले का बड़ा खुलासा 20 लाख की जमीन का कैसे ट्रस्ट ने दिए 2.50 करोड़, विक्रेता महंत आये सामने

locationअयोध्याPublished: Jun 20, 2021 05:11:36 pm

Submitted by:

Satya Prakash

दशरथ महल के महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य ने किया बड़ा खुलासा राम मंदिर के नाम पर ली गई थी 20 लाख की जमीन 2.50 करोड़ में हुआ ट्रस्ट के नाम बैनामा

अयोध्या जमीन घोटाला का बड़ा खुलासा 20 लाख जमीन का कैसे ट्रस्ट ने दिए 2.50 करोड़, विक्रेता महंत आये सामने

अयोध्या जमीन घोटाला का बड़ा खुलासा 20 लाख जमीन का कैसे ट्रस्ट ने दिए 2.50 करोड़, विक्रेता महंत आये सामने

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या. राम मंदिर के नाम पर जमीन घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। दरसल राम मंदिर के नाम पर राम कोट में 20 लाख की खरीदी गई जमीन को 2 करोड़ 50 लाख में ट्रस्ट के नाम कराया गया। यह बैनामा मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण के नाम कराया गया था।
राम जमभूमि के नाम पर मांगी गई थी जमीन

राम मंदिर के नाम खरीदी गई जमीन पर दशरथ महल बड़ा स्थान के महंत बिंदुगद्दाचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि जमीन हमारे गुरुजी के नाम पर रही है लेकिन वह मूल रूप से नजूल की जमीन थी इसलिए बहुत ही कम दाम में उसको बेंच दिया गया। वही कहा कि हमसे बताया गया कि यह नजूल की जमीन है इसकी मलियत बहुत कम है। लेकिन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को इसकी आवश्यकता है इसलिए ट्रस्ट को दे दीजिए क्योंकि राम जन्मभूमि परिसर से सटे लोग को विस्थापित किए जाने के दौरान वहां पर बसाया जाएगा। इसलिए हमने इस जमीन को ट्रस्ट को दे दिया वही कहा कि इसे ट्रस्ट को सोचना चाहिए था कि इस तरह की जमीन लिया जा रहा है तो वह मालिक कितनी होगी हमारी तो सोच रही है कि यह जमीन नजूल की है बहुत विशेष आवश्यकता हमारे लिए नहीं है लेकिन यह राम जन्म भूमि की कार्य में लगना है इसलिए राम के कार्य के लिए इस जमीन को कम दाम में दे दिया गया।
ट्रस्ट को 20 लाख की जमीन पर 2.50 करोड़ सौदा

लेकिन सवाल यह उठता है कि जब राम मंदिर के नाम इस भूमि को कराया जाना है तो वह दूसरे किसी व्यक्ति दीप नारायण पुत्र स्वर्गीय अश्वनी कुमार के नाम कैसे कर दिया गया। जब कि इस मामले में गवाह के रूप में भी ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा शामिल हैं। तो आखिर कैसे इस नजूल भूमि पर 20 लाख से 2.50 करोड़ की बैनामा कर दिया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो