अयोध्या के सीजीएम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका तपस्वी छावनी के संत परामहंस दास ने जानकारी दी है कि सलमान खुर्शीद ने एक पुस्तक लिखी है जिसमें उन्होंने हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस व बोको ***** से की है। इससे बहुत संख्याक समाज का अपमान हुआ है। और राष्ट्र का भी अपमान किया गया है जब एक आतंकी संगठन से बहुसंख्यक समाज हिंदुत्व से तुलना की गई है। जिससे आज पूरा देश आहत है। इसको लेकर पहले ही अयोध्या कोतवाली में तहरीर दिया गया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं किया गया ना ही एफ आई आर दर्ज हुआ। इसलिए अब हम ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र को दिया है और जब तक सलमान खुर्शीद के ऊपर एफ आई आर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी नहीं हो और इसके साथ उनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने के साथ उनके द्वारा लिखे गए पुस्तक को जब तक प्रतिबंधित नहीं किया जाता है तब तक हमारा प्रयास जारी रहेगा। भाई परमहंस दास ने आरोप लगाया कि अगर इस तरह की टिप्पणी किसी दूसरे धर्म को लेकर की गई होती तो अब तक सलमान खुर्शीद का सर कलम हो गया होता। लेकिन बहुसंख्यक उदारवादी है। मानवतावादी है संवैधानिक है और अहिंसक भी है लेकिन कमजोर नहीं है हम संविधान की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए प्रयास करते रहेंगे जब तक मुझे न्याय नहीं मिलेगा।