scriptअयोध्या में मनाया गया सिक्खों के गुरु तेग बहादुर की जयन्ती | ayanti of Guru Teg Bahadur of Sikhs celebrated in Ayodhya | Patrika News

अयोध्या में मनाया गया सिक्खों के गुरु तेग बहादुर की जयन्ती

locationअयोध्याPublished: Nov 24, 2017 12:07:06 pm

राम नगरी अयोध्या में ब्रम्हकुण्ड गुरु द्वारा में गुरु तेग बहादुर जयंती मनाई गई।

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आयोध्या. राम नगरी अयोध्या में ब्रम्हकुण्ड गुरु द्वारा में गुरु तेग बहादुर जयंती मनाई गई। ब्रम्हकुण्ड गुरु द्वारा में गुरु तेग बहादुर के चित्र पर मल्यांपण कर उनकी याद में ग्रन्थ की पाठ हुई तथा गुरु अर्चना किया गया तथा गुरु ग्रंथ साहब के 101 पाठ की लड़ी का समापन किए जाने के साथ लखनऊ के मशहूर रागी जत्था ने निर्मल सिंह सैनी के नेतृत्व में तथा फैजाबाद की महिलाओं ने सबद-कीर्तन से भक्ति संगीत हुआ।

ब्रम्हकुण्ड गुरुद्वारा के ज्ञानी गुरुजीत सिंह ने बताया की गुरु तेगबहादुर के संपूर्ण जीवन और बलिदान से प्रेरणा लेनी होगी।यह सिक्खों के नवम गुरु के 342वें बलिदान दिवस मनाया जा रहा है तथा विक्रम संवत 1725 में असम से पंजाब जाते समय गुरु तेग बहादुर अयोध्या के ब्रम्हकुण्ड गुरुद्वारा में रुके थे तथा दो दिनों तक लगातार तप किया था। उनके चरण पादुका आज भी इस गुरुद्वारा में रखा है तथा बताया कि गुरु के बलिदान के मूल में यह चेतना थी कि इस जीवन के अलावा एक महाजीवन भी है जो मृत्यु के बाद भी प्रवाहमान रहता है और इसके लिए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाई जा सकती है।

 

हम सभी को अपना महाजीवन मर्यादित, पवित्र और सच्चाई के प्रति समर्पित करना होगा। गुरुद्वारा के मुख्यग्रंथी ने कहा जिस दिन मनुष्य प्राण देकर भी न्याय और सत्य की प्रतिष्ठा के लिए तैयार होगा, उस दिन मानवता अन्याय-अनाचार से मुक्त होगी। इस मौके पर रामकथा मर्मज्ञ डॉ. सुनीता शास्त्री ने भी विचार रखे। नवम गुरु का किरदार सामने रखते हुए उन्होंने कहा, संतत्व अपने आप तक सीमित होना नहीं है बल्कि लोकहित के लिए स्वयं को समर्पित करने का नाम है।

 

डॉ. सुनीता ने कहा, नवम गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा तभी फलीभूत होगी, जब अन्याय करने वाली ताकतें पूरी तरह परास्त दिखें। उन्होंने याद दिलाया कि नवम गुरु ने आक्रांताओं को शीश तो दिया पर सांस्कृतिक गौरव बचा लिया। इस मौके पर दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास, महंत पवनकुमारदास ,सरदार महेंद्र सिंह, नारायण मिश्र, धर्मेंद्र गुप्ता , मनप्रीत सिंह, सरदार सतपाल सिंह सचदेवा आदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। गुरुद्वारा के महंत बलजीत सिंह के नेतृत्व में गुरुद्वारा प्रबंधन से जुड़े अधिवक्ता कुलजीत सिंह, कुलवीर सिंह, चरनजीत सिंह आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।

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