अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा मार्ग 275.35 किलोमीटर तक फैला है। इसमें अयोध्या, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, बस्ती और गोंडा सहित पांच जिले शामिल हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से गोंडा, रायबरेली, अयोध्या, सुलतानपुर के लोग भी इससे सीधे जुड़ जाएंगे। 84 लाख योनियों में भटकने से बचने के लिए अयोध्या की 84 कोसी य़़ात्रा की हिन्दुओं में काफी मान्यता है। राजा दशरथ की अयोध्या 84 कोस में फैली थी। भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थल इसी 84 कोस परिक्रमा मार्ग पर हैं। अयोध्या से 20 किमी उत्तर स्थित बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से परिक्रमा यात्रा शुरू होती है। रास्ते में कुल 21 पड़ाव पड़ते हैं। अयोध्या में तीन प्रकार परिक्रमा होती हैं। इन्हें 84 कोसी, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा कहा जाता है।
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राम जन्मभूमि स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक
अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा की गई। बैठक में लखनऊ से पकड़े गए अलकायदा के आतंकवादियों का भी मुद्दा उठा। एडीजी सुरक्षा वीके सिंह ने बताया कि राम जन्मभूमि की सुरक्षा-व्यवस्था में पहले ही सीआरपीएफ, पीएसी और जिला पुलिस तैनात है। इसकी समीक्षा की गई और राम मंदिर निर्माण को देखते हुए सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है। समिति चाहती है कि बगैर समझौता किए राम मंदिर का निर्माण चलता रहे और श्रद्धालु निर्बाध दर्शन करते रहें। वीके सिंह ने बताया कि समय-समय पर सुरक्षा की समीक्षा की जाती रही है। बैठक में सीआपीएफ, पीएससी के अधिकारी समेत खुफिया तंत्र के अधिकारी, रेंज के आईजी और जिले के डीएम एसएसपी भी मौजूद रहे।