कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि महन्त रामदास ने कहा कि सप्तपुरियों के प्रथम स्थान मे अयोध्या नगरी आती है और पर्यटन बिना अयोध्या नगरी पूर्ण नहीं है। पर्यटन का विकास तभी सम्मत है जब हम अपनी संस्कृति की विरासत के पर्यावरण को संरक्षित करेंगे। हमें अपनी संस्कृति को संजोने के साथ-साथ धरोहरों, नदियों और मन्दिरों का संरक्षण करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभाग के समन्वयक प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। बिना स्वच्छता के जीवन सम्भव नहीं है। पर्यटन और पर्यावरण एक दूसरे के पूरक है। किसी एक अभाव में मानव जीवन सम्भव नहीं है।
कार्यक्रम में मुख्यअतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा निबन्ध प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किया। प्रथम पुरस्कार एम०टी०ए० विभाग के छात्र महेशपति मिश्र एवं द्वितीय पुरस्कार ज्योति तिवारी तथा तृतीय पुरस्कार हर्ष श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती मॉ की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।