अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्मोही अखाड़ा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने का फैसला किया है
nirmohi akhada meeting update
अयोध्या. अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्मोही अखाड़ा ने पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने का फैसला किया है। अखाड़ा ने ट्रस्ट में शामिल होने की बात कही है। इस मामले को लेकर रविवार को अयोध्या में अखिल भारतीय अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़ा परिषद की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता महंत देवेंद्र दास ने की। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर चर्चा की गई। ट्रस्ट में अपनी भूमिका को लेकर सप्ताह भर में निर्मोही अखाड़ा के पंच केंद्र सरकार से मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि अयोध्या मामले पर नौ नवंबर को सुनाए गए फैसले में कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में शामिल करने का आदेश केंद्र सरकार को दिया था।
अयोध्या के निर्मोही अखाड़ा में रविवार को पंचों की बुलाई बैठक के काफी गहमागहमी के बीच शुरू हुई। इसमें डाकोर के राजा रामचंद्र आचार्य द्वारा रिव्यू किए जाने का मुद्दा उठाया, जिसे अन्य पंचो ने खारिज कर दिया। अंत में पंचों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति बनी। पंचों में से एक सदस्य राम सुरेश दास उर्फ राधे बाबा जयपुर राजस्थान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस प्रकार से राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को अहम सम्मान दिया है। हम सभी उसका स्वागत करते हैं। ट्रस्ट निर्माण के समय सरकार का प्रपोजल आने के बाद प्रबंध समिति में निर्मोही अखाड़ा तय करेगी इस ट्रस्ट में किसको शामिल किया जाएगा। वहीं, पंच मदन मोहन दास ने कहा कि राम मंदिर का फैसला सर्वमान्य है। लेकिन, जिस प्रकार से निर्मोही अखाड़े को लेकर समाज में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, वह इसका खंडन करते हैं। कहा कि यह राम का देश है और राम के ही पक्ष में निर्णय हुआ है। कहा कि निर्मोही अखाड़ा का हर पंच चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो।
ट्रस्ट में जर्नल सेक्रेटरी या प्रेसिडेंट पद की मांग निर्मोही अखाड़ा में पंचों की हुई बैठक में शामिल हुए निर्मोही अखाड़ा के वकील रणजीत लाल वर्मा ने कहा कि राम जन्मभूमि मामले पर हमारी महत्वपूर्ण मौजूदगी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने माना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हम ट्रस्ट में एक्सेस कर रहे हैं। पीएमओ द्वारा ट्रस्ट बनाया जाएगा, जिसमें निर्मोही अखाड़ा भी शामिल होगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में सबसे महत्वपूर्ण पद जर्नल सेक्रेटरी या प्रेसिडेंट पद निर्मोही अखाड़ा को मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार को पंचों द्वारा पत्र भेजा जाएगा।