इस दौरान सांसद रवि किशन ने रामलीला स्थल लक्ष्मण किला मैदान का भी निरीक्षण किया। सांसद रवि किशन ने कहा कि मेरे लिए बहुत खुशी का पल है। सांसद बनने के बाद यह पहला मौका है कि अभिनय के लिए मैं यहां पर आया हूं। उन्होंने कहा कि भरतजी ने जैसे भगवान राम की खड़ाऊंं लेकर 14 साल तक अयोध्या की सेवा की थी, ठीक वैसे ही मैं पूज्य योगी महाराज की खड़ाऊंं लेकर गोरखपुर की जनता की सेवा कर रहा हूं।
रवि किशन ने आगे कहा कि यह एक बहुत बड़ा संदेश है कि एक बड़े भाई के लिए छोटा भाई कैसे सब कुछ त्याग देता है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे रामलीला में अभिनय का अवसर मिला। यह समझिए कि जीते जी मोक्ष मिल गया। एक तरफ जहां राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। उसी धरती पर मैं भरत की भूमिका में हूं। जय श्री राम के साथ मैं गोरखपुर की देव तुल्य जनता को भी साधूवाद देता हूं। फिल्म के रूप में गोरखपुर में एक नए रोजगार का सृजन हो रहा है और आमजन के हित के लिए अन्य योजनाओं पर भी कार्य जारी है।
श्रीराम वन गमन लीला का मंचन
अयोध्या रामलीला कमेटी के तत्वावधान में मंगलवार की रात कैकेयी अंतर्द्वंद्व, कैकेयी-दशरथ संवाद और श्रीराम वन गमन लीला का मंचन किया गया। रामलीला के चौथे दिन का शुभारंभ राम के राज्याभिषेक की बात सुन कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वरदान मांगे। चौदह वर्ष के वनवास की सुन श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वन की ओर निकल पडे़। जब भरत अपने भाई शत्रुघ्न के साथ अयोध्या आते हैं तो अयोध्या की जनता उनसे मुंह फिर लेती है। भरत का मन विचलित होता है और राज महल पहुंचकर राजा दशरथ और प्रभु श्रीराम के बारे में पूछते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि प्रभु श्रीराम को वनवास और उनको राजा बनाया गया है तो उन्होंने अपनी मां से कहा कि मां आप ने तो जीते जी मेरा नाश कर दिया।