अयोध्या

Ayodhya Real State: अयोध्या के रियल एस्टेट में जबरदस्त बूम, डेढ़ साल में छह गुना बढ़ीं कीमतें

– Ayodhya Real State
– वैदिक सिटी की ओर…
– नवंबर से पहले रामलला परिसर के 10 किमी के दायरे में 600 से एक हजार रुपए प्रतिवर्ग फुट थी जमीन
-अब पांच से सात हजार प्रतिवर्ग फिट में भी उपलब्ध नहीं है भूमि
– संपत्ति पंजीकरण में भी 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि
– यूपी के बाहर के भूमि कारोबारियों ने बढ़ायीं कीमतें
– यरुशलम,वेटिकन और मक्का शहर को टक्कर देगा अयोध्या

अयोध्याJul 06, 2021 / 12:27 pm

नितिन श्रीवास्तव

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. कोरोना महामारी के चलते जहां पूरे देश के रियल एस्टेट में मंदी है, वहीं अयोध्या रियल एस्टेट में बूम वाला देश का नया शहर बन गया है। पिछले डेढ़ साल में दिल्ली, मुंबई, सूरत,चंडीगढ़ और हरियाणा के बड़े कारोबारियों ने अयोध्या में जमीन के करोड़ों के सौदे किए हैं। रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीन की कीमतों में 30 से 40 प्रतिशत का उछाल आया है।
नवंबर 2019 से पहले अयोध्या शांत कस्बा था। रामलला परिसर के10 किमी के दायरे में 600 से 1,000 रुपए प्रति वर्ग फुट जमीन आसानी से उपलब्ध थी। अब यहां 2,200 रुपए से 3,500 रुपए प्रति वर्ग फुट में भी जमीन नहीं मिल रही। राममंदिर की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर तो 5,000 रुपए से 7,000 रुपए प्रति वर्ग फुट तक कीमतें पहुंच गयी हैं। पिछले डेढ़ साल के भीतर खरीदी गयी जमीनों पर होटल, गेस्ट हाउस या फिर कॉमर्शियल कॉप्लेक्स बन रहे हैं या फिर उन्हें अयोध्या विकास प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र का इंतजार है।
पर्यटक बढ़े तो निवेशक आए

अयोध्या के पुराने रईस और वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण बताते हैं राममंदिर के निर्माण के साथ ही यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ। पहले रामनवमी जैसे अवसरों पर एक लाख धार्मिक श्रद्धालु पहुंचते थे। लेकिन अब आम दिनों एक लाख बाहरी लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। राम मंदिर बनने के बाद यह एक दिन में यह भीड़ 15 लाख तक पहुंचेगी। ऐसे में हर तरह के बाजार की संभावनाओं को देखते हुए देशभर के भूमि कारोबारी यहां जमीनें खरीद रहे हैं।
बाहरी निवेशकों ने बढ़ायी कीमतें

जिले का नाम बदलकर फैजाबाद से अयोध्या होते ही अयोध्या में चहल-पहल बढऩी शुरू हुई। इसी के साथ जमीनों की खरीद-फरोख्त भी बढ़ गयी। अयोध्या के स्टांप और पंजीकरण विभाग के अनुसार अयोध्या में संपत्ति पंजीकरण में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। 2017-18 में 5,962 भूमि के सौदे हुए। 2018-19 में 15,084 और 2019-20 में 16,285 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई। जो 2020-21 में बढ़कर 19,818 हो गयी। सब-रजिस्ट्रार, अयोध्या (सदर और तहसील) एस.बी. सिंह के अनुसार जमीन की रजिस्ट्री बढ़ी तो विभाग की कमाई भी बढ़ गयी। 2018-19 में भूमि पंजीकरण से 112.35 करोड़ रुपए राजस्व मिला। 2019-20 में 125.51 करोड़ और 2020-21 में यह बढ़कर 151.68 करोड़ हो गया।
जमीन में वृद्धि का कारण शहर का विकास

अयोध्या में जमीन की कीमतें बढऩे का एक कारण यहां का तेजी से विकास होना भी है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अंतराराज्यीय बस स्टेशन, मार्डन रेलवे स्टेशन और अयोध्या को रायबरेली व वाराणसी से जोडऩे वाले राजमार्ग फोर लेन में बदल रहे हैं। माझा बरहटा में 10,000 करोड़ से 1200 एकड़ में ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनने जा रही है। इस सोलर सिटी में 80 सरकारी और अंतरराष्ट्रीय गेस्ट हाउस, 30 फाइव स्टार और थ्री स्टार होटल और 30 बजट होटल बनेगें।
दुनिया के प्रमुख धार्मिक शहरों का संमिश्रण

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह कहते हैं, अयोध्या वैदिक शहर के रूप में विकसित होगा। यहां के विकास के सभी पहलुओं का मूल आध्यात्मिकता है। शहर के विकास में यरुशलम, वेटिकन, मक्का, तिरुपति, काशी और मथुरा जैसे अंतरराष्ट्रीय और घरेलू तीर्थस्थलों वाले शहरों का समावेश होगा।
इस तरह बढ़ीं कीमतें

– रामलला परिसर से 500 मीटर दूर राम कोट के सुताती निवासी अख्तर अली ने 2016 में 1360 वर्ग फुट यानी एक बिस्वा जमीन 3 लाख में बेची थी। अब कीमत 26 लाख है।
– श्रीनगरहाट के अचल गुप्ता ने माझा बरहटा के पास 2016 में 54,000 वर्ग फुट जमीन 30 लाख में खरीदी थी। अब कीमत 20 करोड़ है।
– प्रॉपर्टी डीलर महफूज अहमद बताते हैं कि अयोध्या के अंदर अधिकांश खाली जमीन या तो सरकार ने अधिग्रहीत कर ली हैं या फिर बाहर के लोगों ने खरीद ली हैं। दिल्ली, मुंबई, पटना, आगरा, कानपुर, लखनऊ के लोग जमीन खरीदने के लिए रोज फोन करते हैं।
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