बताते चलते है कि जनपद अयोध्या के खंडासा थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ भैंस चोरी की घटनाओं में करीब आधा दर्जन कैसे चोरी हो गई। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपियों का चालान कर जेल भेज दिया लेकिन भैंसों की बरामदगी नही कर सकी। इसी बीच पुलिस ने भैंस चोरी के मुकदमे में पिता-पुत्र और एक अज्ञात समेत तीन लोगों को नामजद किया जिसमें आरोपी पुत्र की उम्र महज 18 महीने की है जिसे पुलिस ने भैंस चोर बनाते हुए मासूम पर 147 379 511 504 506 आईपीसी के तहत मुकदमा भी दर्ज कर दिया । और हैरत की बात तो तब हुई जब पुलिस पिता सहित 18 माह की बच्चे की गिरफ्तारी के लिए उसके घर पहुंची तब आनन-फानन में परिजनों ने एसएसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई लेकिन फिर भी पुलिस का दबाव नहीं कम हुआ तो परिजनों ने मीडिया की शरण ली हालांकि इस पूरे मामले को लेकर पहले पुलिस का कोई भी आला अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था लेकिन बाद में लिपिकीय त्रुटि बता कर इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ने में जुटे है ।
इस मामले में मुख्य आरोपी और 18 माह के मासूम के पिता का कहना है कि 10, 13 और 16 जनवरी को खण्डासा पुलिस ने दल बल के साथ उसके घर पहुंचकर बच्चे के साथ तुरंत हाजिर होने के लिए दबाव बनाया मामला खण्डासा थाना क्षेत्र के कोटिया ग्राम पंचायत से जुड़ा हुआ है जहां 7 जनवरी को कथित रूप से भैंस खोलने का मुकदमा खण्डासा पुलिस ने दर्ज किया था ।
वह इस मामले को लेकर सीओ मिल्कीपुर आरके राय ने सफाई देते हुए बताया कि रिपोर्ट दर्ज करते समय लिपिकीय गलती के चलते डेढ़ साल के मासूम को संदिग्ध आरोपी दर्ज कर दिया गया। खंडासा पुलिस को अपनी विवेचना में इस गलती को दुरुस्त कर लेने का निर्देश दिया गया है।