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श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 65 एकड़ भूमि के विकास के लिए तीन कंपनियों से करार

locationअयोध्याPublished: Feb 09, 2021 04:47:03 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

– मंदिर निर्माण के साथ ही पूरा करना होगा काम- सत्संग भवन, संग्रहालय, प्रदर्शनी स्थल आदि को करना होगा विकसित

श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 65 एकड़ भूमि के विकास के लिए तीन कंपनियों से करार

श्रीराम जन्मभूमि परिसर के 65 एकड़ भूमि के विकास के लिए तीन कंपनियों से करार

पत्रिका एक्सक्लूसिव

अयोध्या. रामनगरी में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पांच कंपनियों से अनुबंध के बाद अब 65 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर के विकास के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति ने तीन अन्य कंपनियों के साथ अनुबंध किया है। यह कंपनियां राम जन्मभूमि परिसर में बनने वाली तमाम मंदिरों, सत्संग भवन, श्रीराम संग्रहालय, मुक्ताकाशी मंच, प्रदर्शनी स्थल आदि का निर्माण कार्य करेंगी। तीनों कंपनियों को मंदिर निर्माण के पूरा होने के समय यानी तीन साल के भीतर अपने निर्माण कार्यों को पूरा करना होगा।
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किस कंपनी को मिला क्या काम

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही अब श्रीराम जन्मभूमि परिसर की 65 एकड़ भूमि को विकसित करने के लिए ट्रस्ट ने तीन प्रमुख कंपनियों से अनुबंध किया है। जिन कंपनियों को काम सौंपा गया है उनमें चंद्रकांत सोनपुरा की कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी और डिजाइन एसोसिएट, नोएडा शामिल हैं। यह तीनों कंपनियां रामजन्मभूमि परिसर में श्रीराम कुंड (यज्ञशाला), कर्म क्षेत्र (अनुष्ठान मंडप), वीर मारुती की विशालकाय प्रतिमा, श्रीरामलला पुराकालिक दर्शनमंडल (संग्रहालय), श्रीराम कीर्ति (सत्संग भवन), गुरु वशिष्ठ पीठिका (अध्ययन अनुसंधान क्षेत्र), भक्त टीला (शांति क्षेत्र ध्यान और मनन निकुंज), तुलसी केंद्र (रामलीला केंद्र 360 डिग्री थिएटर मुक्ताकाशी मंच), राम दरबार (प्रोजेक्शन थिएटर), माता कौशल्या वात्सल्य मंडप (प्रदर्शनी कक्ष और झांकियों का परिसर), रामांगन (बहुआयामी चलचित्रशाला), रामायण (पुस्तकालय ग्रंथालय एवं वाचनालय), महर्षि बाल्मीकि आश्रम (अभिलेखागार एवं अनुसंधान केंद्र), रामाश्रयम (धर्मशाला प्रतीक्षालय और विश्रामालय), श्री दशरथ भवन (आदर्श गौशाला), लक्ष्मण वाटिका (जलाशय और संगीत फव्वारे), लव कुश निकुंज (युवा एवं बाल क्रियाकलाप क्षेत्र), मर्यादा खंड (विशिष्ट अतिथि निवास अनुक्षेत्र), भरत प्रसाद मंडप (भंडारगृह भगवान का भोग प्रबंधन लघु क्षेत्र), माता सीता रसोई (अन्न क्षेत्र तीर्थयात्री) और सिंहद्वार के सम्मुख दीपस्तंभ का निर्माण करेंगी।
एक दूसरे की पूरक होंगी कंपनियां

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय ने बताया कि स्वर्गीय अशोक सिंघल ने 1992 में चंद्रकांत सोनपुरा के साथ राम मंदिर के आर्किटेक्ट कार्य के लिए अनुबंध किया था। इस अनुबंध के अब 28 वर्ष पूरे हो गए हैं। इसलिए इस एक और कंप्लीमेंट्री अनुबंध किया गया है।
दूसरा अनुबंध नोएडा के डिजाइन एसोसिएट के साथ किया गया है। इस कंपनी के साथ परिसर के 5 एकड़ में बनने वाले मंदिर के बाद भूमि पर विकास कार्य करवाने के लिए हुआ। डिजाइन एसोसिएट पिछले जून माह से ही पूरे कैंपस पर होमवर्क कर रही है।
तीसरा अनुबंध टाटा कंसल्टेंसी के साथ किया गया है। टाटा कंस्ट्रक्शन कंसल्टेंसी के साथ यह दूसरा अनुबंध है। इसके पहले 2020 में मंदिर निर्माण परकोटा के निर्माण और परामर्श के लिए इस कंपनी से अनुबंध किया गया था। अब मंदिर परिसर के बाहर पार्ट बी के लिए भी नए सिरे से अनुबंध किया गया है।
चंपत राय ने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के सारे अनुबंध पूरे हो गए हैं। अब यह तीनों कंपनियां एक दूसरे की पूरक बनकर राम मंदिर निर्माण के कार्य को बढ़ाएंगे। ताकि तय अवधि में राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो सके।
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