पीएम मोदी की इच्छा के मुताबिक होगा काम दरअसल राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को भी बरकरार रखना बड़ी चुनौती है। यहां अयोध्या में सनातन परंपरा के साथ बौद्ध, जैन, इस्लाम, सिख समेत सभी धर्मों से जुड़े स्थलों का विकास करके इसे विश्व की सर्वोत्तम पर्यटन नगरी बनाने की योजना है। पीएमओ में लगातार पांच साल तक प्रमुख सचिव रहे सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र प्रधानमंत्री की इच्छा के मुताबिक तैयारी के लिए आला अधिकारियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों को बताया।
भूमि पूजन में आ सकते हैं पीएम मोदी जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन में आ भी सकते हैं। ट्रस्ट कल यानी 18 जुलाई को होने वाली बैठक में संभावित तारीख तय करके आग्रह पत्र भेजे। सूत्रों के मुताबिक यह तारीख रक्षाबंधन और पूर्णिमा यानी तीन या पांच अगस्त हो सकती है। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री राम मंदिर के साथ 70 एकड़ परिसर के विकास की योजना भी देखेंगे। उनकी इच्छा है कि अयोध्या को सर्वधर्म समभाव की विश्व की सबसे बड़ी और प्राचीन नगरी के रूप में विकसित करना है।