की गई बैठक इसी को लेकर आयोजित बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्टी एवं शीर्ष संत गोविंंददेव गिरि, अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डॉ अनिल मिश्र सहित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के शीर्ष अधिकारी, आईआईटी चेन्नई और इंस्टीट्यूट ऑफ बिल्डिंंग रिसर्च रुड़की के विशेषज्ञों के अलावा टाटा कंस्ट्रक्शन के शीर्ष अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल अयोध्या में शामिल हुआ। टाटा कंस्ट्रक्शन के अधिकारीनिर्माण समिति की पहले दिन हुई बैठक में भी शामिल हुए थे। तभी से यह संकेत मिलने लगा था कि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में टाटा कंस्ट्रक्शन जैसी अति प्रतिष्ठित कंपनी के सहयोग का समीकरण बन रहा है।
लिखित गारंटी की मांग हालांकि मंदिर निर्माण समिति की बैठक के फैसले को अभी गोपनीय रखा गया है। सूत्रों की मानें तो मंदिर निर्माण की शीघ्रता के बावजूद ट्रस्ट नींव की मजबूती से कोई समझौता नहीं करना चाहता और इस बारे में कार्यदायी संस्था से लिखित गारंटी चाहता है। मंदिर एक हजार साल तक अक्षुण्ण रहे तथा सौंदर्य और भव्यता की ²ष्टि से भी बेमिसाल हो। बैठक में विभिन्न विशेषज्ञों से राय भी ली गयी।