धन्नीपुर मस्जिद का नक्शा 14 पार्ट में पहुंचा अयोध्या 40 फीट गहरी नींव होगी भरायी :- श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिए मंदिर के मुख्य परकोटे के लिए 2.77 एकड़ में 400 फुट लंबा 250 फुट चौड़ा और 40 फुट गहरा गढ्ढा खोदा गया है। वर्तमान में इस गड्ढे का लेवल समुद्र तल से 93 मीटर ऊंचा है, जबकि इसे 107 मीटर ऊपर तक लाना है। नींव की पहली पट्टी की ढलाई के साथ ही इसे मशीनों से कॉम्पेक्ट किया जा रहा है। अगस्त से पहले 20 फीट नींव ढाल लेने की योजना है। नींव को सामान्य रीति से पाटने के बजाय ईएफएम से कांटीन्यूअस राफ्ट स्टोन प्रणाली या फिर वाइब्रो स्टोन कालम प्रोसेस से ऊपर लाया जाएगा।
बैठक में यह शामिल :- मंदिर निर्माण समिति की रामलला परिसर स्थित विश्वामित्र आश्रम में शनिवार और रविवार को चली
बैठक में ट्रस्ट कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि, राम मंदिर मॉडल के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा के अलावा आईआईटी चेन्नई के प्रो. एम. संतनाथन, एनआईटी सूरत के डा. एसबी गांधी व आईआईटी, दिल्ली के प्रो. बी. भट्टाचार्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। एलएंडटी व टीईसी के विशेषज्ञ, मंदिर निर्माण समिति के विशेषज्ञ जगदीश आफले, जी. सुदर्शन व ट्रस्ट के प्रमुख न्यासी एवं विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र भी इसमें सम्मिलित हुए।
क्या है ईएफएम :- निर्माण स्थल पर 40 फुट गहरी नींव की खोदाई से निकली मिट्टी और मलवा हटाने के बाद भूमि को ठोस बनाने के लिए नींव में विशेष तौर से तैयार मसाला इंजीनियर्ड फिल्ड मटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें सीमेंट, मोरंग, कंक्रीट, सिलिकॉन और फ्लाईऐश (कोयले की राख) मिक्स की गयी है।
कार्य कर रहे 50 मजदूर, लगी हैं 10 मशीनें :- ग्राउंड इंप्रूवमेंट और नींव भराई के काम में परिसर में ही मिक्सिंग प्लांट लगा है। दो जेसीबी, दो पोकलैंड के अलावा मटेरियल बिछाने के लिए चार मशीनें लगी हैं। दो वाईब्रो रोलर ढलाई को कॉम्पेक्ट कर रहे हैं। पूरे काम में 50 मजदूर और 12 इंजीनियर लगे हैं।
निधि समर्पण अभियान (nidhi samarpan abhiyan) में अब तक 5457.94 करोड़ जमा :- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निधि समर्पण अभियान में अब तक कुल 5457.94 करोड़ की धनराशि एकत्र हो चुकी है। हालांकि, यह संख्या अभी अंतिम नहीं है। इसमें रसीद के जरिए 2253.97 करोड़, डिजिटल माध्यम से 2753.97 करोड़ आए हैं। जबकि, एसबीआई पीएनबी व बीओबी के बचत खातों में करीब 450 करोड़ की धनराशि एकत्र हुई है।