राम मंदिर का निर्माण, जर्जर मंदिरों के विग्रह की 28 साल बाद शुरू हुई पूजा-अर्चना भूमि पूजन के बाद से आ रहीं बाधाएं संत राजकुमार दास ने बताया कि राममंदिर निर्माण के भूमि पूजन के बाद से छोटी-मोटी बाधाएं आ रही हैं। पहले पाइलिंग का कार्य फेल हो गया। निर्माण स्थल पर खुदाई के बाद कई प्राकृतिक बाधाएं भी आयीें। अब कोरोना की वजह से भी कार्य प्रभावित हो रहा है। बिन मौसम बरसात के कारण ग्राउंड इम्प्रूवमेंट का कार्य प्रभावित हुआ। इन स्थितियों के बाद प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश जी के भव्य मंदिर निर्माण की योजना बनी।
वास्तुशास्त्र के अनुरूप बनेगा गणेश मंदिर मंदिर के निर्माण का जिम्मा अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय पर है। उनका कहना है कि प्राकृतिक बाधाओं का अंत तभी होगा जब प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता गणपति का मंदिर बनेगा। इनका कहना है मंदिर को वास्तुशास्त्र के अनुरूप बनाया जाएगा।
राम मंदिर निर्माण का कार्य अब तीन शिफ्ट में मंदिर निर्माण की नींव के लिए खोदे गए गड्ढे में बिन मौसम हुई बरसात की वजह से पानी भर गया। इससे पहली बार 48 घंटे काम प्रभावित हुआ। बारिश का मौसम आने से पहले इसीलिए अब ग्राउंड इंप्रूवमेंट का काम तीन शिफ्टों में किया जा रहा है। 20 टन का बैचिंग प्लांट यानी मिक्सर मशीन लगायी गयी है। बाला कंस्ट्रक्शन कंपनी के वर्कर रात-दिन काम कर रहे हैं।
बदली निर्माण कार्य योजना इंजीनियरिंग मैटेरियल की दो लेयर बिछाई जा चुकी है। तीसरी लेयर बिछाने का काम चल रहा है। अचानक आयी बारिश से लेयर तक मिट्टी न पहुंचे इसके भी इंतजाम किए जा रहे हैं।