अयोध्या रामनवमी पर्व पर श्रद्धालुओं से खचाखच भरी रहती थी, पावन सलिला सरयू तट श्रद्धालुओं के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों से चमकता रहता था और धार्मिक जयघोष से गुंजायमान रहता था, जब भगवान राम का जन्म होता था तो श्रद्धालुओं का रेला इस कदर बढ़ जाता था कि, प्रशासन के लिए भीड़ नियंत्रण एक चुनौती बन जाता था।
इस बार दृश्य कुछ अलग है, अयोध्या प्रशासन श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर उनकी सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था करता था, वहीं इस बार अयोध्या की सीमाओं से लेकर सभी स्थलों पर निगरानी कर रहा है। अयोध्या में बाहर से एक भी श्रद्धालु प्रवेश न कर पाएं, कोई दुकान न खुली रहे, स्थानीय लोग अपने घरों में रहें यह सब सख्ती अयोध्या में तैनात जवान अपने संगीनों संग मुस्तैदी के साथ कर रहे थे। वजह सिर्फ कोरोना वायरस थी। जिसको रोकने के लिए पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा रखा है। अयोध्या के संत धर्म आचार्यों ने भी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे अयोध्या न आएं और अपने घरों में ही राम जन्मोत्सव को धार्मिक रीति रिवाज से संपन्न करें।
अयोध्या सीओ अमर सिंह ने बताया कि कोराना वायरस से बचाव को देखते हुए रामनवमी मेले में लाखों की भीड़ न हो इसलिए पहले से ही पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसके पहले अयोध्या के संतों ने रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं को अयोध्या न आने की अपील कर चुके हैं। इसके बावजूद कुछ लोग बाहर निकलने की कोशिश में थे पर उन्हें समझाकर घर के अंदर रहने की अपील की है। कहीं किसी भी प्रकार से अवांछनीय व्यकि अयोध्या में प्रवेश न कर सके जिसके लिए व्यापक सुरक्षा लगाई गई है, लगातार रूट मार्च भी किया जा रहा है।