scriptकोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच पंचकोशी परिक्रमा कर रहे अयोध्यावासी | Ayodhya residents circling Panchkoshi between Kovid-19 protocol | Patrika News

कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच पंचकोशी परिक्रमा कर रहे अयोध्यावासी

locationअयोध्याPublished: Nov 25, 2020 11:58:14 am

Submitted by:

Satya Prakash

अयोध्या में स्थित 6000 देवी देवताओं के मंदिर की हो रही परिक्रमा, सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम

कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच पंचकोशी परिक्रमा कर रहे अयोध्यावासी

कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच पंचकोशी परिक्रमा कर रहे अयोध्यावासी

अयोध्या : कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच एकादशी तिथि के ब्रह्म मुहूर्त से पंचकोशी परिक्रमा प्रारंभ हुई। और इस परिक्रमा को अयोध्यावासी व साधु संत ही पूरा करेंगे क्योंकि बाहरी श्रद्धालुओं की प्रवेश पर रोक लगाया गया है। वही पंचकोशी परिक्रमा को लेकर जिला प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजाम किए हैं स्थान स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भी लगाया गया है।
राम नगरी अयोध्या में आज एकादशी तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त से परिक्रमा पवित्र सरयू नदी पर स्नान ध्यान कर से प्रारम्भ हुआ। जो कि 5 कोस यानि 15 किलोमीटर की परिक्रमा परिधि में अयोध्या की जा रही है। इस परिक्रमा में अयोध्या भगवान श्री राम के जन्म स्थल के साथ 6000 देवी-देवताओं की प्रमुख मठ मंदिर स्थित है। जिसकी परिक्रमा बहुत ही पवित्र मानी जाती है। और ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में स्थित सभी देवी देवताओं के मंदिरों की पूजा अर्चन एक साथ पूरा होता है। अयोध्या में चल रही पंचकोशी परिक्रमा को लेकर सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम लगाए गए हैं स्थान स्थान पर स्वास्थ्य विभाग की टीम व सुरक्षा के जवान तैनात हैं तो वही पंचकोशी परिक्रमा कर रहे श्रद्धालु कोविड-19 के प्रोटोकॉल को लेकर जागरूक करने के साथ ही मास्क का वितरण भी कुछ समाज सेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है।
अयोध्या में पंचकोशी परिक्रमा के दौरान हनुमान गुफा, राम मंदिर निर्माण कार्यशाला, बड़ी छावनी, महर्षि आश्रम, मौनी बाबा कुटिया, दशरथ कुंड, जालपा देवी मंदिर, चक्रतीर्थ स्थल, ब्रह्म कुंड गुरुद्वारा, कौशल्या घाट, साईं बाबा कुटिया मंदिर, राजघाट पार्क के साथ सरयू घाट के किनारे स्थित झुनकी घाट आश्रम, सद्गुरु सदन मंदिर, लक्ष्मण किला, सहस्त्रधारा लक्ष्मण घाट स्थित शेष अवतार लक्ष्मण मंदिर प्रमुख स्थान पड़ते हैं।
रामचंद्र भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा प्राचीन परंपरा है सदियों से इस परंपरा के तहत अयोध्या में परिक्रमा की जाती है और ऐसा माना गया है कि मनुष्य शरीर पांच भौतिक तत्वों से बना है और अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा करने से मंच द्वारा हुए संगीत अधर्म और पाप समाप्त हो जाते हैं और शरीर की बुराइयां भी नष्ट होती हैं और मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होता है इसी कारण इस परिक्रमा को करने के लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं लेकिन इस वर्ष कोरोना बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाया गया है।
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