scriptमंदिर मॉडल में नहीं ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संतों में खींचातानी | Ayodhya saint draw trust due to trust not in temple model | Patrika News

मंदिर मॉडल में नहीं ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संतों में खींचातानी

locationअयोध्याPublished: Jun 01, 2020 10:45:48 pm

Submitted by:

Satya Prakash

श्री राम जन्मभूमि परिसर में हो रहे राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट ने संतों से बनाई है दूरी

मंदिर मॉडल में नहीं ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संतों में खींचातानी

मंदिर मॉडल में नहीं ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संतों में खींचातानी

ग्राउंड रिपोर्ट
अयोध्या : विश्व हिंदू परिषद के मंदिर मॉडल को लेकर अयोध्या के संतों में मतभेद हैं जिसको लेकर संतों के बीच आपसी खींचातानी शुरू हो गया है। जहां कुछ संत भगवान श्री राम के मंदिर को विश्व की सबसेे ऊंचा मंदिर बनााए जाने कर रहेे हैं कुछ संत लाल पत्थरों से नहीं बल्कि संगमरमर केेेे पत्थर से बनाए जाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं कई संत ट्रस्ट में शामिल ना हो पाने के कारण ट्रस्ट पर तरह-तरह के आरोप भी मढ़ रहे हैं इस बीच ट्रस्ट ने अभी तक किसी भी प्रकार से संतों को लेकर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन यह स्पष्ट है कि मंदिर निर्माण में संतों को शामिल न किए जाने को लेकर विरोधाभास संतों के बीच दिखाई दे रहा है
दरसल रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर नहीं बल्कि श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के करीब होने की लड़ाई संतों में शुरू हो गई है क्योंकि ट्रस्ट गठन के बाद मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट ने अभी तक किसी भी प्रकार से अयोध्या के संतों को शामिल नहीं किया है और ना ही किसी प्रकार की बैठक कर राय ली है जिसको लेकर अब संतों में रार दिखाई दे रहा है जिसको लेकर संतों के बीच आपसी खींचातानी तेज हो रही है। इस बीच कुछ संतो ने विश्व हिंदू परिषद के मॉडल पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है । विरोध कर रहे संतो के मुताबिक अयोध्या में 500 वर्षों के बाद मंदिर का निर्माण किया जाना है इसलिए विश्व की सबसे ऊंचा मंदिर बने जिसमें अयोध्या के संतों का भी सहमति हो विरोध में उतरे संत पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती, महंत सुरेश दास, महंत नारायणचारी, महंत अवधेश दास, महंत जनमेजय शरण व महंत धर्मदास मुख्य रूप से है। जिसको लेकर कुछ संत देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित ट्रस्ट को संबोधित ज्ञापन सौंपा है।
वही अयोध्या के अन्य संत ट्रस्ट के साथ खड़े होते दिखाई दे रहे हैं ट्रस्ट के समर्थन में खड़े हुए संतों के मुताबिक आज समय अनुकूल है इसलिए अब आगे किसी भी प्रकार से मंदिर निर्माण में बाधा उत्पन्न ना हो इसके लिए जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण होना ही उचित होगा जिसमे कुछ संतों का विरोध जायज नहीं है क्योंकि मंदिर आंदोलन के समय सभी संतो ने विश्व हिंदू परिषद के इस मॉडल को लेकर पूर्व में भी सहमति दे चुके हैं और पूरे विश्व में इस मॉडल को ही राम भक्तों ने राम मंदिर माना है।
समर्थन में उतरे महंत कमल नयन दास ने कहा कि आज प्रदेश व केंद्र में भाजपा की सरकार है ऐसी सरकार के अंदर मंदिर का निर्माण होना चाहिए क्योंकि परिस्थिति बदलते समय नहीं लगता इसलिए ट्रस्ट मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से करवा रहा है। लेकिन लगता उनके कारण कार्य तेजी से नहीं शुरू हो सका है जल्द ही मंदिर निर्माण के कार्य को तेज गति देने के लिए मजदूरों को बृहद स्तर पर लगाया जाएगा और 2 वर्ष के अंदर मंदिर निर्माण कर भगवान श्री राम लला को गर्भ गृह में स्थापित हो जाएंगे।
वही अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास के मुताबिक अयोध्या में मंदिर निर्माण ही सही मार्ग है आज 500 वर्षों के बाद मंदिर निर्माण का कार्य होना है । लंबे समय के बाद भगवान अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे जिसके लिए सभी संत समाज को एक होना होगा लेकिन आज जिस प्रकार से कुछ संत मंदिर मॉडल को लेकर तरह तरह के बयान बाजी कर रहे हैं वह सही नहीं है पूर्व में मंदिर आंदोलन के समय विश्व हिंदू परिषद ने इस मंदिर मॉडल को संतों के बीच रखा था और सभी संत इस मॉडल को समर्थन दिए थे जिसके कारण आज पूरे विश्व में इस मॉडल को राम मंदिर माना गया है इसलिए इस मंदिर को बदला नहीं जा सकता है।

ट्रेंडिंग वीडियो