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राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी के बयान पर संतों ने कही बड़ी बात, बोले- अब 2019 भाजपा के लिए कठिन होगा

locationअयोध्याPublished: Jan 02, 2019 04:31:46 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

राम मंदिर मामले पर पीएम मोदी के बयान पर अयोध्या के संतों व पक्षकारों की प्रक्रिया आई है।

PM Modi can come on February 14 and 27

PM Modi can come on February 14 and 27

सत्य प्रकाश.
अयोध्या. राम मंदिर मामले पर पीएम मोदी के बयान पर अयोध्या के संतों व पक्षकारों की प्रक्रिया आई है। मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी व राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमल नयन दास ने मोदी के बयान का स्वागत किया है, तो वहीं दूसरी तरफ रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास पीएम मोदी के बयान से असहमत हैं। विश्व हिंदू परिषद ने इस मामले पर राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों द्वारा रणनीति तय करने की बात कही है।
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2019 भाजपा के लिए कठिन होगा-

रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भाजपा राम मंदिर मामले पर अपने वादों से मुकर रही है और इसका फैसला कुंभ मेले में होगा। संतों का फैसला अगर मोदी के विरोध में गया तो 2019 भाजपा के लिए कठिन होगा।
मोदी के बयान से यह लोग सहमत-

वहीं पीएम मोदी के बयान की तारीफ करते हुए इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही मान्य होगा। दूसरी तरफ राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमल नयन दास ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनकी चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट की कानूनी प्रक्रिया के पहले मंदिर पर अध्यादेश आता है तो अध्यादेश फंस सकता है, इसलिए मोदी के बयान से वे सहमत हैं।
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धर्म संसद का होगा आयोजन-

विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि संत धर्म आचार्यों ने मांग की है कि इसका समाधान कानून बनाकर ही हो सकता है और आज बहुत देरी में प्रधानमंत्री जी का बयान आया है। स्वाभाविक है कि इसकी समीक्षा संत धर्माचार्य करेंगे, क्योंकि वे लगातार इसकी मांग करते रहे हैं। संतों के आवाहन पर विश्व हिंदू परिषद ने भी धर्म सभाओं का आयोजन किया। इन धर्म सभाओं के माध्यम से संतों ने भी खुले रुप से कहा कि अध्यादेश लाओ कानून बनाओ और जो केंद्रीय मार्गदर्शन के संत हैं, उनकी बैठक भी होने जा रही है। धर्म संसद का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें अब संत जिस प्रकार का निर्णय लेंगे, हम सब उस निर्णय के साथ होंगे।
देश को नरेंद्र मोदी की आवश्यकता नहीं-

धर्म सेना अध्यक्ष संतोष दुबे ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी राम मंदिर निर्माण की बात कही थी, लेकिन अब जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आ रहा है, यह अशोभनीय है। यह देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रश्न है। मामले पर इस तरह का बयान जायज नहीं है। अगर सुप्रीम कोर्ट का ही निर्णय माना जाना था तो देश से राम मंदिर के नाम पर क्यों ठगी की गई। अब जब सुप्रीम कोर्ट ही राम मंदिर का निर्णय देगा तो देश को नरेंद्र मोदी की आवश्यकता नहीं है, जिसका असर 2019 में देखने को मिलेगा।
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