इधर-रामलला,उधर-खिदमत-ए खल्क : राममंदिर का निर्माण With Mahendra Pratap Singh (Episode-18) जानें स्वामी गोविद देव गिरि महाराज का दिया ब्यौरा :- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविद देव गिरि महाराज का कहना है कि यूं तो राम मंदिर की लागत करीब 300 से 400 करोड़ ही होगी। लेकिन, पूरे राम मंदिर परिसर क्षेत्र का निर्माण होने में लगभग 1100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अब तक ट्रस्ट को मंदिर निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का ऑनलाइन दान मिल चुका है। बाकी की एक हजार करोड़ रुपए की राशि जुटाने के लिए मकर संक्राति से जनसम्पर्क अभियान शुरू होगा जो माघ पूर्णिमा को खत्म हो जाएगा।
रामलला के लिए ‘चंदा’ का नाम क्यों बदला :- मंदिर निर्माण के लिए दी गयी राशि को ‘चंदा’ या दान नहीं कहा जाएगा। इसे ‘राम मंदिर निधि समर्पण अभियान’ नाम दिया गया है। जनता से कहा जाएगा कि वह भगवान के धन को भगवान का घर बनाने के लिए स्वेच्छा से समर्पण निधि दें। ट्रस्ट के साथ विहिप निधि जुटाने के लिए सवा पांच लाख गांवों और 11 करोड़ परिवारों से 42 दिन में संपर्क साधेगी। कुल 50 करोड़ तक पहुंचने की योजना है।
960 करोड़ जुटाने में राम मंदिर निधि समर्पण अभियान कैसे रहेगा मददगार :- धन समर्पण के लिए तीन तरह से कूपन छपे हैं। 10 रुपए, 100 रुपए और 1000 रुपए। 100 रुपए के 8 करोड़ कूपन, 10 रुपए के 4 करोड़ कूपन और 1000 रुपए के 12 लाख कूपन हैं। जिसकी जितनी क्षमता होगी, वह उतने मूल्य का कूपन लेगा। इस तरह कूपनों के जरिए ही ‘निधि समर्पण अभियान’ से लगभग 960 करोड़ रुपए का जमा हो जाएंगे। घर-घर बांटेंगे राम का इतिहास अभियान के दौरान कार्यकर्ता राम मंदिर का इतिहास, मंदिर के चित्र के साथ कॉन्ट्रीब्यूशन कूपन देंगे। हिंदी, अंग्रेजी के अलावा राज्यों की मातृभाषा में इन्हें छपवाया गया है। इन कूपन को राज्यों के शीर्षस्थ लोगों के साथ-साथ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बांटा जाएगा। सभी से व्यक्तिगत रूप से सहयोग की अपील की जाएगी।
चंदे के लिए जारी कूपन योजना के बारे में जानें :- ट्रस्ट महासचिव चंपत राय बताते हैं कि कूपन योजना पैसे में पारदर्शिता के लिए बनायी गयी है। घर-घर से मिली सहयोग राशि 24 घंटे के भीतर भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक या फिर बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा करनी होगी। ये तीनों बैंक कलेक्शन एकाउंट का काम करेंगे। बैंकों में पैसा जमा करने के लिए डिपोजिट स्लिप छापे गए हैं, जिसमें कोड नंबर हैं, एकाउंट नंबर नहीं। देश में स्टेट बैंक की 22 हजार, पंजाब नेशनल बैंक की 14 हजार और बैंक ऑफ बड़ौदा की 10 हजार ब्रांच हैं। इस तरह कुल 46 हजार बैंक ब्रांच से पूरा हिंदुस्तान कवर करने का प्लान है।
बॉर कोड वाली ऑनलाइन रसीद क्या है? :- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालयों पर कुछ लोग नगद धनराशि का भुगतान कर रहे हैं। उन्हें बारकोड लगी कंप्यूटराइज डिजिटल सिग्नेचर युक्त रसीद मिल रही है। रसीद पर राम मंदिर मॉडल का चित्र बना है। कुछ भक्त ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और आरटीजीएस के तहत दान दे रहे हैं। घर बैठे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वालों को भी ट्रस्ट के खाते में पैसा आते ही उनके पोस्टल एड्रेस या ईमेल एड्रेस पर रसीदें भेजी जा रही हैं। सहयोग करने वालों पूरा ब्योरा ट्रस्ट की बेवसाइट पर भी उपलब्ध होगा।