बोले वोटर : इस बार राम नहीं राष्ट्रवाद और विकास के नाम पर अयोध्या में बरसेंगे वोट
पवित्र सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या की पहचान यहाँ के मंदिर और पौराणिक धार्मिक स्थल हैं | बताया जाता है कि त्रेता युग की अयोध्या तो सरयू में समाहित हो गयी थी जिसके बाद महाराजा विक्रमादित्य ने उसी अयोध्या की खोज कर उसे एक नया स्वरुप दिया | लेकिन अयोध्या अपने उस स्वरूप को आज तक नहीं पा सकी जिसके लिए वो जानी जाती है |सरयू घाट पुरोहित समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश पांडे कहते हैं सरयू घाट के किनारे हरी की पैड़ी की तर्ज़ पर बनी राम की पैड़ी की हालात बेहद खस्ताहाल है | नहर का जल किसी गंदे नाले की तरह बदबूदार और गंदा है | सरयू स्नान करने आये पर्यटक विश्वनाथ गुप्ता अयोध्या घूम कर लौटे तो उन्होंने बताया कि घाट से शहर की तरफ बढ़ने पर ऊबड़ खाबड़ सड़कें आपका स्वागत करेंगी | अयोध्या की पहचान यहाँ की गलियाँ हैं जिनमे कीचड़ से भरी नालियां हर आने जाने वाले का स्वागत कर रही हैं |
स्थानीय व्यवसायी अयोध्या प्रसाद कहते हैं कि कहने को तो नगर निगम बना दिया गया लेकिन अयोध्या में साफ़ सफाई को लेकर कुछ ख़ास बदलाव देखने को नही मिला , इस बार वोट देते समय इस बात का ध्यान रखना है | राम जन्म भूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सतेन्द्र दास की माने तो अयोध्या के नाम पर होने वाली राजनीती का लाभ कभी अयोध्या को नहीं मिला | इस बार हम अपनी सोंच को बदल रहे हैं अयोध्या की तस्वीर बदलने के लिए वोट करेंगे |
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Exclusive Video : जानिये क्यूँ कलेक्ट्रेट में चीख चीख कर रो रही थी सांसद पद की महिला उम्मीदवार पांच कोस की परिधि में करते हैं देवी देवता वास दर्शन करने आते हैं लाखों श्रद्धालु फिर भी रामनगरी बदहाल बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी का कहना है कि अयोध्या धार्मिक नगरी है सभी धर्मों के देवी देवता यहाँ वास करते हैं | पांच कोस की अयोध्या में भगवान राम के पदचिन्ह पड़े हैं इसी के चलते लाखों लोग अयोध्या की परिक्रमा करते हैं ,इसी अयोध्या के नाम पर देश के कोने कोने से लोग आकर राजनीती करते हैं लेकिन अयोध्या को कुछ नहीं मिलता ,यहाँ की सड़कें खराब है ,गन्दगी है जगह जगह गढ्ढे खोद दिए गए हैं उन्हें भरने का काम नहीं किया गया अयोध्या के विकास के नाम पर अयोध्या और बदसूरत हो गयी | इस बार जनता को धर्म के नाम पर नहीं विकास के नाम पर वोट देना चाहिए |