रामलला के पक्ष में फैसला आने के बाद चैत्र नवरात्र 2020 के पहले दिन भगवान श्री राम लला अपने अस्थाई मंदिर में विराजमान हुए थे तब से अभी तक भगवान श्री रामलला को श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद नही चढ़ाया जा सका है। क्योंकि कोविड-19 के कारण सभी धार्मिक स्थलों पर प्रसाद चढ़ाए जाने को लेकर रोक लगा दिया गया था। लेकिन हाथ में चरणामृत दिए जाने की परंपरा नहीं रोकी गई लेकिन एक बार फिर महामारी बढ़ते क्रम को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा चरणामृत दिए जाने पर भी रोक लगा दिया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं के हाथ में चरणामृत देना कोरोना महामारी को देखते हुए शासन की दृष्टि से सही नही था। और अब श्रद्धालुओं के लिए पैकेट में प्रसाद दिए जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। वही बताया कि आज एक भक्तों द्वारा प्रसाद बांटे जाने की व्यवस्था कराया गया है लेकिन कोरोना के नाते रामजन्मभूमि में प्रसाद वितरण की व्यवस्था नहीं है और हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि एक प्रसाद की पैकेट तैयार करके भक्तों को दिया जाए। और यह व्यवस्था जल्द ही शुरू की जाएगी।
श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा कोरोना को देखते हुए चरणामृत बांटे जाने की बात कही जानी चाहिए थी लेकिन ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने कह रहे कि बिल्कुल बंटेगा ही नही और कहा कि क्या कोरोना फैलाना चाहते हो। वहीं आरोप लगाया कि इनके द्वारा पुजारी के साथ जिस प्रकार से व्यवहार किया जाता है वह नही किये हैं। जिसके बाद यह बंद कर दिया गया जिसकी जानकारी महासचिव चम्पतराय को दी तो वह भी मौके पर पहुंचे। तो वहां पर प्रसाद के रूप में मेवा बांटने को कहा है। लेकिन अभी सब बंद कर दिया गया है।