अयोध्या में होगा रामलीला का टूरिज्म अयोध्या पहुंचे सतीश उपाध्याय ने कहा कि आज मेरे पास जिस तरह के भाव हैं और जिस तरह से मन में संवेदनाएं हैं कि बचपन से मैंने रामलीला को देखी और कल भी मैं तीन रामलीला को देख कर के आया हूं अयोध्या में जहां स्वयं रामलला विराजमान है इस पवित्र राम की भूमि पर आकर के राम की लीला को देखना । साक्षात राम के दर्शन करने जैसे हैं। राम का चरित्र भारत की भूमि में सबसे बड़ा आदर्श है इसलिए हम लोगों को राम चरित्र मानस हर वर्ष एक नई शिक्षा दे करके जाता है अयोध्या की रामलीला अपने आप में इसलिए बहुत अलग है। और मैं चाहता हूं कि रामलीला अपने आप में बढ़ती जाए।और विश्व स्तर पर इस रामलीला को देखने के लिए एक अलग टूरिज्म इस रामलीला के लिए बन जाए कि पूरे देश के लोग देखने के लिए अयोध्या पहुंचे और वह दिन भी आने वाला है कि जब यहां पर चापड़ उतरेगा, विमान से लोग पहुंचेंगे और लोग 10 दिनों के लिए अयोध्या में रामलीला देखने के लिए सिर्फ आएंगे।
राम मंदिर निर्माण में भी गिलहरी जैसी रही मेरी भूमिका वही सतीश उपाध्याय ने राम जन्मभूमि पर अपनी पूरी यादों को ताजा करते हुए बताया कि हाई कोर्ट में का आर्डर दिया था यहां पर जो राम कथा कुंज में बहुत सारे साक्ष्य रखे हुए थे। उनका वीडियो बनाने के जिम्मेदारी में एक मैं भी सदस्य था। संपत भाई जी आज मंदिर निर्माण के सारे कार्य को देख रहे हैं उस समय उनका आदेश था कि यह कार्य हमको करना है। उस समय लेटेस्ट कैमरे को लेकर आये हुए थे। उस दौरान उन साक्ष्यों को 16 टेप में रिकार्ड करके और मैं भाग्यशाली इसलिए मानता हूं। कि इस राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद मंदिर निर्माण में एक गिलहरी जैसी भूमिका रही। हमारे द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो साक्ष्य के रूप में गए और आज हम देख रहे हैं कि भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है।