बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की बैठक में सभी सदस्यों ने लिया अहम् फैसला वहीं बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी ने भी पत्रिका टीम से खास बातचीत करते हुए मीटिंग में तय किए गए प्रस्तावों के बारे में बताते हुए कहा कि हम लोग सरकार के खिलाफ कोई काम नहीं करेंगे | कानून के दायरे में रहकर जो भी काम होगा उसे मानेंगे | हमारा सरकार के ऊपर कोई दबाव नहीं है | सुप्रीम कोर्ट या कोर्ट द्वारा गठित पैनल जो निर्णय लेगा उसे हम स्वीकार करेंगे| यह निर्णय हमारी बैठक में हुआ है | मीटिंग में यह प्रस्ताव पास हुआ है कि हम इस मामले को लेकर सरकार पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाएंगे | सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय होगा उसे हम मानेंगे | इसके अलावा अगर किसी तरह का कोई नया प्रयास किया जाएगा तो हम उसका विरोध करेंगे ।
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इकबाल अंसारी ने बताया कि बीते दिनों प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और विश्व हिंदू परिषद द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संबंध में दिए जाने वाले बयान और इस विषय पर समय-समय पर होने वाली घोषणाओं पर चर्चा करने के लिए बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी की बैठक मौलाना यासीन अली उस्मानी की अध्यक्षता में संपन्न हुई है बैठक में सदस्यों ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा 1950 में दाखिल मुकदमा में उत्तर प्रदेश सरकार जिला मजिस्ट्रेट आदि की ओर से दाखिल किए जाने वाले तहरीर बयान के अनुसार काम नहीं कर रही है क्योंकि इस जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार और जिलाधिकारी आ मान चुके हैं कि बाबरी मस्जिद मुसलमान सैकड़ों वर्षों से नमाज पढ़ते रहे हैं और उसमें हिंदुओं ने कभी पूजा-अर्चना नहीं की थी ।