scriptरामनवमी पर बदला पूजा का तरीका : कन्यापूजन न हवन में पंडित जी का मंत्रोचार, घरों में हुई पूजा | Changed way to worship Pooja on Ram Navami | Patrika News

रामनवमी पर बदला पूजा का तरीका : कन्यापूजन न हवन में पंडित जी का मंत्रोचार, घरों में हुई पूजा

locationअयोध्याPublished: Apr 02, 2020 05:57:45 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

– सोशल डिस्टेसिंग का पूजन में रखा गया ख्याल- सूने रहे मंदिर प्रागंण, घर-घर नहीं पहुंची कन्याएं

रामनवमी पर बदला पूजा का तरीका : कन्यापूजन न हवन में पंडित जी का मंत्रोचार, घरों में हुई पूजा

रामनवमी पर बदला पूजा का तरीका : कन्यापूजन न हवन में पंडित जी का मंत्रोचार, घरों में हुई पूजा

अयोध्या. नवरात्र में नौ दिन तक मां की उपासना के बाद शक्ति के उपासक कन्यापूजन और हवन के बाद व्रत पारण करते हैं। लेकिन, ऐसा पहली बार हुआ जब व्रत का समापन बिना कन्या पूजन और हवन पंडित जी के मंत्रोचार के हुआ। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते घर-घर पूजन के लिए पहुंचने वाली कन्याएं नहीं आयीं। घरों में हवन तो हुए, लेकिन बिना कन्यापूजन और पंडित जी के ही हवन कर लिया। कन्यापूजन में दिया जाने वाला दान कुछ लोगों ने कन्याओं के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया तो कुछ ने इस मौके पर मानवसेवा और जीवसेवा की।

जरूरतमंद को भेजा भोजन

लॉकडाउन में बाहर न निकलने की पाबंदियों के बीच तमाम लोगों ने 102 पर फोन कर जरूरतमंदों के लिए घर से भोजन ले जाने की बात की। तमाम लोगों ने कंट्रोल रूम में फोन करके कन्यापूजन के पैसे कन्याओं को देने की अपील की। लोगों का कहना था कि मुश्किल समय में लोगों की सेवा ही देवी पूजन है। लोगों ने कहा इस कठिन समय में आसपास कोई भूखा न सोए। इस सोच से भी देवी प्रसन्न होंगी। कुछ लोगों ने सडक़ पर घूम रहे भूखे-प्यासे जानवरों को खाना खिलाया। पूजने के लिए कन्याएं न मिलने पर जानवरों और जरूरतमंदों की सेवा को ही लोगों ने असली पूजन माना

पीएम और सीएम फंड में दान

तमाम लोगों ने इस बार कन्यापूजन की जगह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया। कई मोहल्लों में लोगों ने कन्या पूजन के नाम पर निकाले गए धन को एकत्र कर एकमुश्त राहत कोष में दान किया। लोगों का कहना था कि संकट की इस घड़ी में यही मानवता की सबसे बड़ी सेवा है।

ऑनलाइन फंड ट्रांसफर

कुछ घरों में जरूरत मंद कन्याओं के खाते में ऑनलाइन पैसे भी ट्रांसफर किए गए। घरों में काम करने वाली बाई और बर्तन साफ करने वाली या फिर झाडू-पोछा करने वाली महिलाओं के छोटी बच्चियों को कन्या पूजन की राशि दान करने की पहल भी सराहनीय रही। महिलाओं ने इनके खाते में या फिर मां के खाते में कन्या पूजन की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी। कुछ कंपनियों और धार्मिक संस्थाओं ने भी ऑनलाइन कन्या पूजन और कर्मकांड की व्यवस्थाएं की हैं। किसी मेे 1100 का दान तो किसी में 5000 रुपए तक के दान की अपील की गयी है। इसमें संस्थाएं कन्याओं के घर पहुंचकर उन्हें दान दक्षिणा और भोजन-फल वितरित कर रही हैं। ऑनलाइन पूजन और हवन की भी व्यवस्था की गयी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो