छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार और झारखंड की हैं अब यह उत्सव अपनी संस्कृति को समेटे हुए उत्तर प्रदेश के बिभिन्न क्षेत्रों तक पहुँच गई हैं इसी क्रम आज सरयू घाट पर अयोध्यावासियो ने भी बेहद हर्ष और उल्लास के साथ इस उत्सव को मनाया जिसमे सरयू घाट पर पहुंची हज़ारो की संख्या में महिलाओं ने छठ माता की पूजा की और भजन गाते हुए उगते हुए सूर्य देव को नदी के पवित्र जल में खड़े होकर अर्ध्य दिया. ऐसी मान्यता हैं कि भगवान श्री राम ने भी माता सीता से विवाह के बाद अयोध्या आई थी जिसके बाद माता सीता ने इस व्रत रखकर छठ पूजा किया था अब यह प्रथा बिहार उत्तर प्रदेश के साथ देश के अन्य प्रान्तों में भी शुरू हो गयी हैं.
सरयू तट पर पहुंची पूजा सिंह ने बताया कि भगवान सूर्य हमारे आराध्य हैं जिनको हम अपना भगवान मानकर ही पूजा करते हैं छठ पर्व में भगवान सूर्य की आराधना की जाती है जो की छठी माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह पर्व को मनाया जाता है इस पर्व में पहले दिन नहान खान के साथ शुरू किया जाता है उसके बाद इसमें कद्दू चावल खाना आवश्यक होता है दूसरे दिन घरना करते हैं जिसमें महिलाएं सुबह से व्रत करती हैं और शाम होते ही केले के पत्ते पर रोटी के साथ गुड और चावल के बने आहार बनाकर चढ़ाया जाता है उसके बाद पूरे परिवार को प्रसाद के स्वरूप ग्रहण कराते हैं तथा फिर तीसरे दिन निर्जला व्रत रखकर देर शाम सरयू नदी के किनारे भगवान सूर्य को अर्ध्य देते हैं जिसके लिए आज हम अपने परिवार के साथ यहाँ आये हुए हैं.