scriptसीएम योगी की मौजूदगी में बहेगी ज्ञान की गंगा समरसता कुम्भ में कल जुटेंगे हजारों विद्वान् | CM Yogi Adityanath Will inaugurate Samrasta Kumbh 2018 In Ayodhya | Patrika News

सीएम योगी की मौजूदगी में बहेगी ज्ञान की गंगा समरसता कुम्भ में कल जुटेंगे हजारों विद्वान्

locationअयोध्याPublished: Dec 14, 2018 05:11:07 pm

अयोध्या में होने वाले वैचारिक कुम्भ का उदघाटन करेंगे सीएम योगी समापन करेंगे केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत

CM Yogi Adityanath Will inaugurate Samrasta Kumbh 2018 In Ayodhya

Samrasta Kumbh 2018

अयोध्या : प्रयागराज में कुंभ से पहले प्रदेश सरकार प्रदेश के पांच जगहों पर वैचारिक कुंभ का आयोजन कर रही है जिसमें दो दिवसीय वैचारिक समरसता कुंभ भगवान राम की नगरी अयोध्या में आयोजित हो रहा है। यह वैचारिक समरसता कुंभ अवध विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में आयोजित किया जा रहा है। इस समरसता कुंभ का कल 15 दिसंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन करेंगे जबकि इसका समापन केंद्रीय मंत्री थावर सिंह गहलोत करेंगे। आखिर प्रयागराज के कुंभ के पहले यह वैचारिक समरसता कुंभ क्यों आइए जानते हैं।
अयोध्या में होने वाले वैचारिक कुम्भ का उदघाटन करेंगे सीएम योगी समापन करेंगे केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत

भगवान राम की नगरी में आयोजित होने वाले वैचारिक समरसता कुंभ को लेकर हलचल तेज हो गई है। कल 15 दिसंबर को इस समरसता कुंभ का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन करेंगे।अवध विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में होने वाले समरसता कुंभ को लेकर पूरे परिसर को टेंट नगरी में तब्दील कर दिया गया है। इसके लिए 28 कॉटेज बनाए गए हैं जिसमें देश के कोने-कोने से विद्वान पहुंच रहे हैं। लगभग 3000 विद्वान समरसता कुंभ में शरीक हो रहे हैं। समरसता कुंभ में देश के संत महंत भी शामिल हो रहे हैं।

आखिर प्रयागराज कुंभ के पहले यह वैचारिक कुंभ क्यों। प्रदेश सरकार का मानना है कि देश के कोने-कोने से कुंभ का स्नान करने के लिए लोग प्रयागराज पहुंचते हैं और केवल स्नान करके अपने घरों को लौट जाते हैं। आखिर कुंभ का महत्व क्या है कुंभ का स्नान क्यों किया जाता है।माना जाता है कि नक्षत्रों का योग बनने से कुंभ का योग बनता है। कुंभ में स्नान करने से क्या-क्या फायदे हैं इसको बताने के लिए भगवान राम की नगरी में समरसता कुंभ का आयोजन हो रहा है। ऐसे ही आयोजन प्रदेश के 5 स्थानों पर किए जा रहे हैं। प्रयाग के कुंभ में केवल स्नान कर लौट आना ही कुंभ का असली मकसद नहीं होता बल्कि यह जानना जरूरी होता है कि संगम में स्नान क्यो कर रहे हैं। ग्रहों के योग से कुंभ का योग बनता है। यह जानना भी जरूरी है। तो यही जानने के लिए भगवान राम की नगरी में 15 दिसंबर को पहुंचिये और जानिए कुंभ का महत्व।
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