अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कांग्रेस राम मंदिर को लेकर अंतिम बाल तक खेलने की कोशिश में है जिस प्रकार प्रशांत भूषण, कपिल सिब्बल, विवेक आगे बढ़कर के दलित के नाम पर दिलीप बंडल, उदित राज इन सब को आगे किया गया कि कोरोना काल में मंदिर निर्माण को रोक दिया जाए फिर रामजन्मभूमि के साथ ही काशी विश्वनाथ के जो विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा उसको भी रोकने की साजिश जो रामालय ट्रस्ट के न्यासी लोग थे वही लोग अयोध्या में भी पहले एक ट्रस्ट बना रखे थे जो अपनी मंशा सफल ना होते देख अयोध्या से लेकर काशी तक मंदिर निर्माण को लेकर रोकने की बात कर रहे हैं। और ये वह लोग हैं जो पीएफआई द्वारा फंडित है। जब भारत में उनकी बात कोई नहीं सुन रहा ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण कार्य रोक दिया जाए इसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 5 सदस्य बेंच के फैसले के विरुद्ध देश के बाहर या देश में जो भी लोग बोलते हैं वह कोर्ट के फैसले का अवमानना कर रहे हैं। वही कहां कि आज उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार नहीं होती तो 20000 पेज का अनुवाद सुप्रीम कोर्ट में जो करा कर देना था वह नहीं मिलता और ना ही प्रतिदिन की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होती क्योंकि केंद्र में 2014 में ही सरकार बन गई थी लेकिन 17 तक इसकी सुनवाई नहीं हो सकी इसका कारण समाजवादी पार्टी की सरकार किसी भी कीमत पर उन पेजों का अनुवाद कराकर देने को तैयार नहीं थे इस नाते पूर्व के अनुभवों को सबक लेते हुए मानकर चलते हैं कि जब तक उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार है तब तक मंदिर निर्माण के कार्य को पूरा कर ले और अधिक से अधिक जितना भी कार्य हो जाए वह पूरा कर लेंगे । हमारी कोशिश है कि 2022 में विधानसभा चुनाव के पहले ही भगवान श्री रामलला अपने जन्म स्थान पर खेलते हुए नजर आएंगे।