ताजा मामला एक बार फिर से सामने आया है जब जिंदा गौमाता को जमीन में दफनाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है | शर्मनाक बात तो यह है कि यह कार्रवाई नगर निगम की जेसीबी के द्वारा अंजाम दी जा रही थी | जब इस मामले की खबर अयोध्या के साधु-संतों को मिली तो राम जन्मभूमि मामले के एक मुख्य पक्ष कार और निर्वाणी अनी अखाड़े के महंत धर्मदास ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की भी बात कही | लेकिन सवाल यही है कि क्या योगी सरकार में गोवंश की सुरक्षा नहीं हो पा रही है | क्या इन बेजुबानों को जिंदा रहते ही ऐसे ही दफनाया जाता रहेगा | दीगर बात ये भी है की कड़ाके कि ठण्ड कि वजह से गौशाला के ज्यादातर गोवंशों कि हालत बेहद खराब है और बीमार होने के कारण वो मृतप्राय लगते हैं ,ऐसे में मृत गोवंशों के साथ साथ जीवित गोवंशों को भी दफना दिया जा रहा है |
दिल दहलाने वाले एक मामले में बैसिंहपुर में एक गाय जो कि जीवित अवस्था में थी लेकिन बीमार होने के कारण चल फिर नहीं पा रही थी उसे जेसीबी चालक ने मशीन से उठाकर गड्ढे में गिरा दिया जिससे उसकी मौत हो गई मामले की खबर पाकर महंत धर्मदास और खुद महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गौशाला पहुंचे और जब उन्होंने पूछताछ की तो जेसीबी चालक ने स्वीकार किया की गाय जीवित थी और गड्ढे में गिराए जाने के कारण उसकी मौत हो गई | जिस पर महापौर ने कर्मचारी को फटकार लगाई और मामले की जांच के आदेश दिए हैं | लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार इतनी बड़ी सरकारी मशीनरी लगाने और इतने पैसे खर्च करने के बाद भी अयोध्या जैसी पावन नगरी में गोवंशों की ऐसी दुर्दशा और उनके साथ बेरहमी क्यों हो रही है और इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है |