विश्व प्रवाशी सामाजिक सांस्कृतिक संघ के दो दिवशीय कार्यक्रम में दौरान भारत में महत्वपूर्व स्थलों को संरक्षित किये जाने की मांग उठाई गई। वही दूसरे दिन संत सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के शारदा पीठ व कैलास मानसरोवर को आजाद कराने की मांग पर संतों ने भी समर्थन किया है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए अयोध्या संत समाज के साथ तिब्बत, नेपाल सहित अन्य भारत के कई अन्य राज्यों के लोग अयोध्या पहुंचे। इस कार्यक्रम में प्रमुख महंत जनमेजय शरण , मैथलीशरण, भरत दास, दिनेन्द्र दास, नाका हरि दास, परामकृपा चार्य सहित अन्य संत शामिल हुए।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु अमृतानंद देव शरण दास ने बताया कि शारदा पीठ और कैलाश मानसरोवर के मुक्ति आंदोलन का शुभारंभ आज संतों ने किया है। इस पवित्र भूमि से यह उद्घोष किया गया है। शारदा पीठ वैसे भारत सरकार की संसद में दो दो बार निर्विरोध प्रस्ताव पास किया है कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारा आंतरिक हिस्सा है हम उसको वापस लेकर रहेंगे। और यह प्रस्ताव पास किए हुए 25 वर्ष हो गए हैं दोबारा फिर 2013 में ऐसा प्रस्ताव पास किया गया लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और आशा करते हैं कि बहुत शीघ्र इस विषय पर कार्रवाई होगी पाक अधिकृत कश्मीर की शारदा पीठ में हम लोग को पूजा अर्चना करने की अनुमति मिलेगी।