अयोध्या

श्री राम मंदिर मंदिर में पूजा पाठ के दायित्व पर चर्चा तेज

तीन दशकों से पूजा पाठ कर रहे आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा रामलला की होगी इच्छा तो सरकार देगी दायित्व

अयोध्याNov 19, 2019 / 10:08 am

Satya Prakash

श्री राम मंदिर मंदिर में पूजा पाठ के दायित्व पर चर्चा तेज

सत्य प्रकाश
अयोध्या : तीन दशक से राम जन्म भूमि में विराजमान भगवान श्री रामलला की विधि-विधान पूर्वक पूजा पाठ आचार्य सत्येंद्र दास द्वारा होता रहा है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा बनाए जाने वाले श्री राम मंदिर ट्रस्ट तय करेगी कि अब रामलला का पूजा पाठ भोग किसके द्वारा कराया जाएगा। वर्षों से पूजा पाठ कर रहे आचार्य सत्येंद्र दास की माने तो विधा का पूरा पाठ किया जा रहा है तो आगे भी सरकार को उन्हें ही दायित्व मिलनी चाहिए।
तीन दशकों से विधि-विधान से होती रही पूजा पाठ

अयोध्या के राम जन्म भूमि में विराजमान भगवान श्री राम की पूजा पाठ का दायित्व आचार्य सत्येंद्र दास को 1992 की घटना के बाद कोर्ट में जनपद के मंडलायुक्त को रिसीवर नियुक्त किए जाने के बाद रिसीवर के द्वारा सौंपा गया जिसके बाद निरंतर इन्हीं के नेतृत्व में दो और पुजारियों को भी लगाया गया । पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक रामलला का पूजा अर्चना सुबह 5 बजे से शुरू होता है। प्रतिक सुबह भगवान श्री राम लल्ला को स्नान ध्यान कराए जाने के बाद अभिषेक कर चंदन तिलक से श्रृंगार किया जाता है के बाद विशेष आरती की जाती है उसके बाद ही श्रद्धालुओं के दर्शन कार्य प्रारंभ होते हैं जो कि 7:00 से चलकर 11:00 बजे तक होता है। वही दूसरी मीटिंग 1 बजे से 5 बजे तक दर्शन के लिए खुलता है। जो कि यह प्रक्रिया रोज इसी वर्कर होता है। इसके पश्चात भगवान श्री राम लला का पाठ बंद कर दिया जाता है इस दौरान रामलला को बाल भोग लगाया जाता है। रामलला को प्रत्येक दिन में दो रूपों में भोग की व्यवस्था होती है जिसमें बालस्वरूप व युवा स्वरूप का भोग लगता है जिसे राजभोग भी कहते हैं। रामलला को साल भर में राम जन्मोत्सव के दौरान नए वस्त्र धारण कराए जाते हैं लेकिन अगर भक्तों द्वारा नए कपड़े दिए जाते हैं तो उसे भी समय-समय पर बदले जाते हैं
ट्रस्ट निर्धारण करेगी पुजारी

राम मंदिर निर्माण के बाद वर्षों से चल रही है परंपरागत रूप से पूजा-पाठ आगे भी किया जाना है लेकिन इसके लिए बनने वाले ट्रस्ट द्वारा किसे सौंपा जाता है यह भी विचाराधीन है लेकिन वर्तमान में पूजा पाठ कर रहे आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सरकार जिसे चाहेगी उसे ही इसका दायित्व मिलेगा। वही यह भी कहां की भगवान श्रीरामलला का आशीर्वाद रहा तो एक बार फिर आगे भी रामलला की पूजा-पाठ और उनकी सेवा का अवसर जरूर मिलेगा । इसके लिए किसी से मांग करने नहीं जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भगवान श्री राम का मंदिर निर्माण में हमारा पूरा सहयोग होगा।
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