श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि दीपावली पर्व की शुरुआत भगवान राम की जन्मस्थली रामलला पर रोशनी के बाद ही होती है। इसके बाद दशरथ महल में दीपों की माला सजायी जाती है। यहां जल रहे दीपों की बाती से हनुमानगढ़ी और अन्य मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन की परंपरा रही है। लेकिन समय के साथ यह परंपरा बंद हो गयी। अब इस बार की दीपावली में त्रेतायुग की तमाम परंपराओं को फिर से जीवित किया जाएगा।
यह है इतिहास
आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि श्री रामचरित मानस में वर्णित है कि भगवान राम लंका विजय कर जब पुष्पक विमान से अयोध्या के लिए रवाना हुए तब उन्होंने इसकी सूचना छोटे भाई भरत को देने के लिए अपने दूत हनुमान को अधिकृत किया। हनुमान से समाचार पाकर भरत नंदीग्राम से अयोध्या पहुंचे। इस शुभ समाचार के बाद अयोध्या महल में और पूरे अयोध्या नगर में रोशनी की गयी। तब से रोशनी करने की यह परंपरा चली आ रही है। आज भले ही भगवान राम टाटपट्टी में विराजमान हैं फिर भी दीपावली के मौके पर पहला दीपक राम जन्मभूमि पर ही जलाया जाता है।
ओरछा से आएगी दिया बाती
बुंदेलखंडी योगी अर्पित दास महाराज कहते हैं कि ओरछा और अयोध्या का पुराना रिश्ता रहा है। अयोध्या की दीपावली में ओरछा धाम स्थित कल्पवृक्ष हनुमान मंदिर से अयोध्या के लिए दिया और बाती भेजा जाती रही है। लेकिन यह परंपरा बंद हो गयी थी। इस बार यहां से भी दिया और बाती भेजी जाएगी। ताकि एक दीपक बुंदेलखंड और ओरछा के नाम से भी प्रज्ज्वलित हो। और दोनों धार्मिक स्थलों के सम्बन्ध फिर से प्रकाशित हों।
इस बार अनूठा होगा राम का राज्याभिषेक
यूं तो हर साल अयोध्या में छोटी दीपावली को राजा राम का राज्याभिषेक किया जाता है। लेकिन, इस बार का राज्याभिषेक अनूठा होगा। अयोध्या में पहली बार सरकारी तौर पर दीवाली मनायी जाएगी। योगी सरकार त्रेता युग के राजा राम के राज्याभिषेक को दोहराएगी। इस भव्य आयोजन में भगवान राम के जीवन काल से जुड़ी तमाम घटनाओं और प्रसंग का मंचन होगा। रामराज्य की तरह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भगवान राम का राजतिलक करेंगे। त्रेतायुग मे वर्णित विहंगम शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें सेनाओं का उद्घोष और रथों और घोड़ों की टॉप सुनाई देगी। नंदीग्राम भरत कुंड में भगवान श्री राम का राज्यपाल राम नाईक भगवान स्वागत करेंगे। कार्यक्रम को ब्राजील कार्नीवाल की थीम पर मनाने की योजना है। इसके लिए विदेशी इवेंट कंपनियों की मदद ली जा रही है।
देशभर के लोकनृत्यों की बंधेगी शमां
राज्याभिषेक को यादगार बनाने के लिए देश भर से करीब 24 नृत्य विधाओं के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। विभिन्न जातियों के इस लोकनृत्य से समरसता का संदेश देने की कोशिश होगी। लोकनृत्यों में फरवाही, डफला, बधावा, पाई डंडा, धोबिया, कठियाई, कर्मा, राई सैरा, बुंदेली लोक, कोल हाई, हरियाणवी, बरेदी, कालबेलिया, सपेरा जैसे लोकनृत्यों को प्रस्तुत किया जाएगा। जबकि श्रीलंका और इंडोनेशिया की रामलीला कमेटियां रामलीला पेश करेंगी।
त्रेतायुग में कलियुग का अहसास कराएंगे
छोटी दिवाली को योगी आदित्यनाथ की सरकार अयोध्या में कलियुग में त्रेेता युग का अहसास कराएगी। अकेले राम क ी पैडी और सरयू तट पर ही पर्यटन विभाग की तरफ से 1 लाख 70 हजार दीपक जलाए जाएंगे। जबकि अयोध्या की प्रत्येक गली और हर मंदिर में पांच लाख से ज्यादा दीप जलाने की योजना है। इस जगमगाहट को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया जा रहा है। इसी दिन अयोध्या के विकास के लिए केंद्र सरकार की स्वदेश योजना के तहत 135 करोड़ की योजनाओं का शुभारंभ भी किया जाएगा।