scriptपहला दीप जलेगा रामलला के समक्ष फिर दशरथ महल के दीपों की बाती से रोशन होगी रामनगरी | Diwali 2019 and Deepotsav Celebrated In Ram Janm Bhoomi | Patrika News

पहला दीप जलेगा रामलला के समक्ष फिर दशरथ महल के दीपों की बाती से रोशन होगी रामनगरी

locationअयोध्याPublished: Oct 21, 2019 03:48:54 pm

-तीन दिवसीय दीपोत्सव में त्रेता युग की कथा का होगा जीवंत दर्शन- रथ पर सवार होकर 1000 कलाकार सुनाएंगे रामकथा-नेपाल से लेकर श्रीलंका तक के कलाकार जुटेंगे

Diwali 2019 and Deepotsav Celebrated In Ram Janm Bhoomi

पहला दीप जलेगा रामलला के समक्ष फिर दशरथ महल के दीपों की बाती से रोशन होगी रामनगरी


पत्रिका एक्सक्लूसिव
अनूप कुमार
अयोध्या. अयोध्या की दीपावली अनूठी और अलग है। त्रेता युग से ही पहला दीपावली का पहला दीप रामलला में प्रज्ज्वलित किया जाता है। इसके बाद दशरथ महल में दीपों की माला जलती है। यहां के दीपों की बाती से हनुमानगढ़ी और अन्य मंदिरों के दीपक जलाए जाते हैं। मंदिरों के दीपक की बाती से आम जन अपने दीपों को जलाते हैं। इस तरह एक दीप से दूसरा दीप रोशन होता चला जाता है और पूरी रामनगरी दीपों की रोशनी में नहा उठती है। सबसे खास बात यह है कि आज जहां हर तरफ चीनी झालरों का बोलबाला है वहीं अयोध्या अपनी ऐतिहासिकता को बचाए हुए है। यहां आज भी हर मंदिर और हर घर में शुद्ध देशी घी में मिट्टी के बने दिए जलाए जाते हैं। तीन दिन चलने वाले दीपोत्सव की तैयारियां अंतिम दौर में हैं।
इस बार अयोध्या में दीवाली के मौके पर त्रेता युग की अयोध्या के दर्शन होंगे। दीप पर्व का पहला दीपक रामलला में प्रज्ज्वलित होगा। यहीं के दिए से एक-एक कर पूरी अयोध्या रोशन होती है। यह परंपरा त्रेता युग से ही चली आ रही है। श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि दीपावली पर्व की शुरुआत भगवान राम की जन्मस्थली रामलला पर रोशनी के बाद ही होती है। इसके बाद दशरथ महल में दीपों की माला सजायी जाती है। यहां जल रहे दीपों की बाती से हनुमानगढ़ी और अन्य मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलन किया जाता है।

दीपोत्सव का यह है इतिहास
आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि श्री रामचरित मानस में वर्णित है कि भगवान राम लंका विजय कर जब पुष्पक विमान से अयोध्या के लिए रवाना हुए तब उन्होंने इसकी सूचना छोटे भाई भरत को देने के लिए अपने दूत हनुमान को अधिकृत किया। हनुमान से समाचार पाकर भरत नंदीग्राम से अयोध्या पहुंचे। इस शुभ समाचार के बाद अयोध्या महल में और पूरे अयोध्या नगर में रोशनी की गयी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। आज भले ही भगवान राम टाटपट्टी में विराजमान हैं फिर भी दीपावली के मौके पर पहला दीपक राम जन्मभूमि पर ही जलाया जाता है।

1000 कलाकार सुनाएंगे रामकथा
इस बार दीपावली पर रथ पर सवार होकर 1000 कलाकार पूरी अयोध्या में घूमघूककर हर गली कूंचे में त्रेतायुग की रामकथा सुनाएंगे। छोटी दीपावली को राजा राम का राज्याभिषेक होगा। इस बार का राज्याभिषेक भी अनूठा होगा। भव्य आयोजन में भगवान राम के जीवन काल से जुड़ी तमाम घटनाओं और प्रसंग का मंचन होगा। रामराज्य की तरह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान राम का राजतिलक करेंगे। त्रेतायुग मे वर्णित विहंगम शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें सेनाओं का उद्घोष और रथों और घोड़ों की टॉप सुनाई देगी।

देशभर के लोकनृत्यों की बंधेगी शमां
राज्याभिषेक को यादगार बनाने के लिए देश भर से करीब 24 नृत्य विधाओं के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा नेपाल,श्रीलंका,इंडोनेशिया, से ज्यादा आमंत्रित हैं। ये रामकथा को अपने अंदाज से पेश करेंगे। विभिन्न जातियों के इस लोकनृत्य से समरसता का संदेश देने की कोशिश होगी। लोकनृत्यों में फरवाही, डफला, बधावा, पाई डंडा, धोबिया, कठियाई, कर्मा, राई सैरा, बुंदेली लोक, कोल हाई, हरियाणवी, बरेदी, कालबेलिया, सपेरा जैसे लोकनृत्यों को प्रस्तुत किया जाएगा। जबकि, श्रीलंका और इंडोनेशिया की रामलीला कमेटियां रामलीला पेश करेंगी।

ट्रेंडिंग वीडियो