बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि उम्मीद है कि 26 फरवरी से शुरू होने जा रही है और हिंदू मुस्लिम दोनों पक्षकार चाहते हैं कि फैसला हो सुप्रीम कोर्ट के इस मामले पर जल्द फैसला देगा और इस फैसले से किसी पर कोई एतराज नहीं है। आज सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षकार अपना अपना साक्ष्य प्रस्तुत कर चुके हैं अब सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला करें चाहे वह आज और अभी करें देश के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला स्वीकार है ।
वहीं रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने जब भूमि विवाद को लेकर मामला चल ही रहा है वहीं सरकार ने एक और मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने रख दिया कि जो गए विवादित जमीन है उसे न्यास को वापस दिया जाए दोनों में से किस पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय देती है या कोर्ट के ऊपर है वहीं 26 फरवरी को मिली तारीख को लेकर कहा कि अभी तक जितने भी तारीखें दी गई हैं उसमें हिंदुओं को सिर्फ निराशा ही मिला है क्योंकि कोर्ट से सिर्फ तारीख के बाद तारीख ही मिल रहे हैं। और यह भी आशा है कि शुरू होने वाली सुनवाई जरूर आगे होने वाले निर्णय में सहयोग प्रदान करेगी।