इस संत ने श्रीश्री पर साधा निशाना, कहा-अब समझौता नहीं केवल बकवास हो रहा है
महंत ज्ञान दास ने कहा- अगर समझौता होगा तब भी दोनों पक्षों को एक बिल बना करके कोर्ट में पेश करना होगा

अयोध्या. राम जन्मभूमि विवाद को लेकर एक बार फिर समझौते की श्री श्री रवि शंकर द्वारा पहल शुरू किया गया। इस पहल में जल्द ही श्री श्री अयोध्या में पक्षकारों के साथ मुलाक़ात करेंगे। वहीं श्री श्री रवि शंकर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञान दास ने कहा कि अब समझौता नहीं केवल बकवास हो रहा है अगर समझौता होगा तब भी दोनों पक्षों को एक बिल बना करके कोर्ट में पेश करना होगा, उसके बाद कोर्ट इसको मंजूर करता है कि नहीं यह कोर्ट के ऊपर है या कोर्ट सुनवाई करके निर्णय देगा, उसके ऊपर है और लोग समझौते की बात कर रहे हैं।
...लेकिन विहिप के लोगों ने नहीं होने दिया
यह प्रयास हम पहले शुरू किए थे। 2010 में ही हाशिम अंसारी के साथ मिल कर किया गया था, लेकिन विहिप के लोगों ने नहीं होने दिया यह कसक दिन रात हम लोगों को खटकता रहता है। शनिवार को श्री श्री रविशंकर से हमारी बात हुई है और जल्द ही रविशंकर ने अयोध्या आने की बात कही है, वे 12 मार्च तक अयोध्या आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहले ही हाशिम के साथ मिलकर समझौता कर रहे थे, लेकिन विहिप के लोगों ने होने नहीं दिया। यह कसक दिन रात हमें सताता है। आज के पहले ही हमें बैंगलोर बुलाए थे और कहा था कि मुसलमान से क्यों बात कर रहे हैं, मुसलमान अच्छे नहीं होते हैं और उनको मुसलमान क्यों अच्छे लगने लगे, क्यों मुसलमानों के पास दौडऩे लगे हैं। यह तो समझ में नहीं आ रहा है। यह लोग अपने भविष्य को अच्छा बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं और प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की निगाह में अच्छा बनना चाहते हैं जब की इनकी पहचान लोगों में हो चुकी है। मानवता के ये पुजारी नहीं है बल्कि यह दानवता के पुजारी हैं। आज हमारे पास हिन्दू महासभा से एक पत्र आया है जिसमें चक्रप्राणी ने हमें श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष बनाए जाने की बात कही है और सभी पक्षों से मिल कर राम मंदिर बनाने के मार्ग को प्रशस्त्र करने को कहा गया है।
तब तक यह स्वीकार नहीं करेंगे
उन्होंने बताया कि जब तक हम सब पक्षकारों से मिल कर बात नहीं कर लेंगे तब तक यह स्वीकार नहीं करेंगे। मुस्लिम पक्षकार व निर्मोही अखाड़ा से मिलेंगे और निर्मोही अखाड़ा की विद्या कुण्ड की जमीन को मुस्लिम को देने की बात कहेंगे। यहाँ पर एक मस्जिद बना ले और राम जन्मभूमि पर भगवान का मंदिर तो है ही, उस स्थान पर भगवान को भोग प्रसाद चढ़ता ही है जो कि सिर्फ मंदिरों में होता है। अब केवल उसको भव्यता देना है।
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