scriptदीपावली की तैयारी में मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को सता रहा कोरोना का डर | Haunting the potters in preparing Diwali afraid of Corona | Patrika News

दीपावली की तैयारी में मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को सता रहा कोरोना का डर

locationअयोध्याPublished: Oct 27, 2020 10:22:05 pm

Submitted by:

Satya Prakash

अयोध्या में कुम्हारों ने व्यक्त की चिंता कि कोरोना के कारण नहीं लगा बाजार तो कहां बेचेंगे लक्ष्मी गणेश की मूर्ति व खिलौने

दीपावली की तैयारी में मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को सता रहा कोरोना का डर

दीपावली की तैयारी में मूर्ति बनाने वाले कुम्हारों को सता रहा कोरोना का डर

अयोध्या : कोरोना का डर अयोध्या दीपावली की तैयारी कर रहे कुम्हारों को भी सता रहा है। जिसके कारण इस बार कुम्हारों ने बनाने वाली मूर्तियों की संख्या को कम कर दिया है उनकी मानें तो सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के तहत यदि बाजारों को नहीं लगाया गया तो यह मूर्ति कहां ले जाकर बेचेंगे यह चिंता का विषय बना हुआ है।
राम नगरी अयोध्या में दीपावली की तैयारी शुरू कर दी है तो वही कुम्हारों ने भी दीपावली पर्व पर होने वाले लक्ष्मी गणेश पूजा के लिए मूर्तियों को तैयार कर रहे हैं। अयोध्या के रायगंज क्षेत्र स्थित रहने वाले कुम्हारों ने लक्ष्मी गणेश हनुमान दुर्गा सहित कई प्रकार के खिलौनों को तैयार करते हैं। जिसे दीपावली के मौके पर लगने वाले बाजारों में दुकानों पर बेचते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष जहां बाजारों की रौनक घटती दिखाई दे रही है तो वहीं कुम्हारों को भी कोरोना के काऱण बाजार ना लगने का डर सता रहा है। जिससे तैयार किए गए इस मूर्तियों को किस प्रकार से बेच कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकेंगे।
मूर्तियों को तैयार कर रहे कुम्हार रमेश प्रजापति ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 3 महीने से अधिक का समय बीत गया उसके बाद मूर्तियों को तैयार करने का कार्य शुरू किया गया है इस वर्ष पहले की अपेक्षा मूर्तियों को कम बनाया जा रहा है क्योंकि कोरोना के कारण दुकानदारी कम है। इस बार अयोध्या में मूर्तियों को लेकर लगने वाला बाजार लगता है या नहीं प्रशासन के ऊपर है लेकिन इस वर्ष तो दिक्कत बहुत है क्योंकि पहले के मुताबिक दुकानदारी नहीं बची है।
घनश्याम प्रजापति ने बताया कि दीपावली के लिए लक्ष्मी गणेश और हनुमान की कई प्रकार की मूर्तियों को बनाया जाता है इसके साथ ही खिलौनों को भी तैयार करते हैं जिसे बाजारों में बेचते हैं लेकिन इस बार मूर्तियों की संख्या को कम कर दिया गया है। वही बताया कि कोरोना से हम लोगों के व्यवसाय पर तो बहुत बड़ा असर पड़ा है लेकिन यह भी देखना जरूरी है कि कोरोना से बचाव बना रहे।
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