रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर से पहले संभावित है। इसके तहत धार्मिक नगरी अयोध्या में सुरक्षा का दायरा बढ़ने लगा है। किसी भी तरह की अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है। सूचना तंत्र को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस ने 16 हजार डिजिटल वालंटियर्स बनाए हैं, जो मोबाइल व अन्य डिजिटल सिस्टम से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने में मदद कर रहे हैं। वहीं अयोध्या पुलिस की सोशल मीडिया सेल ने एडवायजरी जारी करते हुए सोशल मीडिया पर रोक लगाने व कॉल रिकॉर्डिंग की भ्रामक खबरों का खंडन करते हुए एडवायजरी जारी की है। अयोध्या पुलिस ने कहा कि कॉल रिकॉर्डिंग व सोशल मीडिया साइट्स को मॉनिटर किए जाने की खबरें भ्रामक हैं। इन पर भरोसा न करें। पुलिस ने एडवायजरी में कहा कि सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स एप व इंस्टाग्राम पर किसी भी धार्मिक/साम्प्रदायिक, भ्रामक, असत्य, सौहार्द बिगाड़ने वाले आपत्तिजनक फोटो, वीडियो व मैसेज को पोस्ट, लाइक व शेयर न करें अन्यथा अफवाह फैलाने या धार्मिक व साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अयोध्या मुद्दे पर अगले 10 नवंबर तक फैसला आने की उम्मीद है जिसे लेकर प्रदेश भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और पुलिस समय-समय पर एडवायजरी जारी कर रही है।