इकबाल अंसारी ने कहा समझौते की गुंजाइश बहुत कम, पक्षकार नही होंगे राजी एक बार फिर नए सिरे से बातचीत के जरिए इस मामले के हल की कोशिश की जा रही है इसमें कोई बुराई नहीं है। हम भी चाहते हैं कि आपसी भाईचारा बना रहे और इस विवाद का हल हो जाए। लेकिन पिछले इतिहास को देखते हुए यह सब इतना आसान नजर नहीं आता। हम तो शुरू से यही चाहते थे सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुनाए। लेकिन अगर आपसी बातचीत से भी मामला हल हो जाए तो यह भी बहुत अच्छी बात होगी। निजी तौर पर बातचीत के जरिए इस मामले के हल के प्रयास पहले भी होते रहे हैं। लेकिन सारे प्रयास बेनतीजा रहे हैं। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने आपसी बातचीत की पहल में अपनी भूमिका निभाई है और पैनल गठित किया है। हम तो चाहते हैं कि बातचीत से मसला हल हो जाए लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सभी पक्ष कार सहमत हो जो इतना आसान नहीं लग रहा है।