इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या धर्म की नगरी है। यहां मंदिर हो या मस्जिद सभी के सहयोग से ही बनाई जाती है। अयोध्या में हिंदू-मुस्लिम एक दूसरे के धार्मिक आयोजनों को लेकर चंदा देते और लेते हैं। अब जिस प्रकार से सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिर निर्माण की बात कही है तो हम सहयोग देंगे भी और लोगों से भी दिलाने की कोशिश करेंगे। इकबाल ने कहा कि वह राम मंदिर के लिए ग्यारह रुपए और एक शिला दान करेंगे।
बीते शुक्रवार को झारखंड के बागोदर में एक रैली को संबोधित हुए योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण के लिए सभी से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि 500 साल पुराने विवाद को प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से सुलझाया जा सका। कांग्रेस, राजद, भाकपा-माले व कुछ अन्य पार्टियां लंबे समय से चले आ रहे विवाद का हल नहीं चाहती थीं। इसी रैली में मुख्यमंत्री योगी यह अपील की कि बहुत जल्द अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बनेगा। हर परिवार को राम मंदिर के लिए 11 रुपए व एक पत्थर का योगदान देना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं उस प्रदेश से आता हूं जिसने भगवान राम दिया और उनके शासन की प्रणाली को रामराज्य कहा गया, एक प्रणाली जिसमें नीतियां गरीब, युवा, महिला और समाज के हर तबके को ध्यान में रखते हुए बगैर भेद के बनाई जाती हैं।
संतों ने अंसारी को किया सम्मानित
जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण ने मंदिर परिसर में इकबाल अंसारी को सम्मानित करते हुए कहा कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिस तरह से इकबाल अंसारी ने आपसी सौहार्द की मिसाल पेश की है, वह काबिले तारीफ है। अब वह राम मंदिर के लिए सहयोग की बात कहकर गंगा-जमुनी तहजीब के लिए एक और पहल कर रहे हैं। रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इकबाल अंसारी कभी भी मंदिर निर्माण के विरोध में नहीं रहे। फैसला आने के पहले भी इकबाल अंसारी ने साफ कहा था कि मंदिर के पक्ष में भी फैसला आता है तो वह हमेशा अयोध्या के संतों के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या सौहार्द की नगरी है। यहां पर सभी हिंदू मुस्लिमों का एक मत है, सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों के कारण ही तनाव बढ़ता है। आज इकबाल अंसारी ने मंदिर निर्माण में सहयोग देने की बात कर साफ कर दिया कि मंदिर हो या मस्जिद सभी एक हैं, जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है। मंदिर निर्माण में इकबाल अंसारी द्वारा दी गई शिला को लगाया जाएगा।
जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण ने मंदिर परिसर में इकबाल अंसारी को सम्मानित करते हुए कहा कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिस तरह से इकबाल अंसारी ने आपसी सौहार्द की मिसाल पेश की है, वह काबिले तारीफ है। अब वह राम मंदिर के लिए सहयोग की बात कहकर गंगा-जमुनी तहजीब के लिए एक और पहल कर रहे हैं। रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इकबाल अंसारी कभी भी मंदिर निर्माण के विरोध में नहीं रहे। फैसला आने के पहले भी इकबाल अंसारी ने साफ कहा था कि मंदिर के पक्ष में भी फैसला आता है तो वह हमेशा अयोध्या के संतों के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या सौहार्द की नगरी है। यहां पर सभी हिंदू मुस्लिमों का एक मत है, सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों के कारण ही तनाव बढ़ता है। आज इकबाल अंसारी ने मंदिर निर्माण में सहयोग देने की बात कर साफ कर दिया कि मंदिर हो या मस्जिद सभी एक हैं, जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है। मंदिर निर्माण में इकबाल अंसारी द्वारा दी गई शिला को लगाया जाएगा।