विश्व शान्ति और राम मंदिर निर्माण के लिए अप्रवासी भारतीयों ने अयोध्या में किया ये अनुष्ठान
अयोध्याPublished: Nov 04, 2017 05:26:54 pm
अयोध्या में ऑस्ट्रेलिया कनाडा, थाईलैंड, फिजी, अमेरिका से आये अप्रवासी भारतीयों ने विश्व में शांति व भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए हवन पूजन किया
अयोध्या : विश्व की धार्मिक नगरी अयोध्या में 10 दिनों से विश्व शांति आश्रम में कई देशों से अप्रवासी भारतीय भगवान राम कथा सुनने पहुंचे तथा प्रतिदिन 51 हवन कुंड पर अप्रवासी भारतीयों ने हवन पूजन किया राम नगरी अयोध्या में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा, थाईलैंड, फिजी, अमेरिका, से अप्रवासी भारतीय विश्व शांति आश्रम में विश्व में शांति व भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए हवन पूजन किया विश्व शांति आश्रम के आचार्य लक्ष्मण दास ने बताया कि राम नगरी अयोध्या में सैकड़ों की संख्या में विदेशों में रहने वाले लोगों ने विश्व की शांति के लिए क्योंकि आज जिस तरह परमाणु खतरों के ऊपर आज पूरा विश्व दिख रहा है उसकी शांति के लिए अलग-अलग कई देशों से यहां आकर यज्ञ कर रहे हैं तथा भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण हो सके और राम मंदिर बन सके क्योंकि आज जिस तरह माहौल बन रहा है और आज प्रदेश के देश के विश्व में जनमत आज हमारे साथ है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि जिस तरह अयोध्या में दिखाई पड़ा है। यह अप्रवासी लोग अपने पांचवी पीढ़ी छःवी पीढ़ी के लोग हैं। राम सभी के पूर्वज थे और आज से लगभग सैकड़ो वर्षो पहले ऐसी अवध धाम से इनके पूर्वज गए थे । विदेशों में पूर्वज गए थे तभी से भारतीय संस्कृति का विकास विदेशो में शुरू हुआ था क्योंकि पूर्वज भारत से जाते समय अपने साथ रामचरित्रमानस पुस्तक साथ लेकर गए थे आज उन्हीं पीढ़ी के लोग है। उनकी कल्पना है कि राम कैसे होंगे और किस तरह अयोध्या के लोग होंगे इसी तलाश में ऐसी तमन्ना लिए आज विदेश के लोग भारत आए हुए हैं अप्रवासी भारतीय में न्यूजीलैंड से आए राम कुमार ने बताया कि अयोध्या भूमि का दर्शन यहां पर बड़ी मात्रा में यज्ञ करना हमारा प्रमुख उद्देश्य है तथा बताया कि भारत से न्यूजीलैंड हमारे पूर्वज लगभग 140 वर्ष पहले गए थे और हमारे माता-पिता ने हमें भारतीय संस्कृति दिए धर्म के बारे में बताया उन्हें ही उन्होंने ही बताया था कि हमारे पूर्वज भारतीय थे तथा ऑस्ट्रेलिया से आए हरिलाल ने बताया कि हम लोग 10 दिन पहले अयोध्या हुए हैं अयोध्या यज्ञ में भाग लेने और राम कथा सुनने के लिए आए हैं हम लोग आस्ट्रेलिया में भी रामायण पढ़ते हैं राम कथा तथा कीर्तन-भजन भी करते हैं हम लोग पहले फिजी में थे रहते थे उसके बाद ऑस्ट्रेलिया चले गए मेरे पूर्वज भारत के बस्ती के हैं मेरे आजा दादा यहां पर पैदा हुए थे मेरे पिताजी फिजी गए फिर वहां से ऑस्ट्रेलिया चले गए वहां पर ही हम लोग अपने धर्म मर्यादा में रहे। राम कथा रामायण भी होती है।