साकेत महाविद्यालय में दाखिल किया गया का फर्जी मार्कशीट दरसल 1992 में अयोध्या जनपद के साकेत महाविद्यालय में एडमिशन के समय मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद इंद्र प्रताप तिवारी ने जमानत पे चल रहे थे। उन पर फर्जी दस्तावेज दाखिल किया था। जिस के आधार पर छात्र संघ चुनाव में महामंत्री बने थे। लेकिन 5 रिपोर्ट में उनके इस चुनाव को अवैध घोषित कर दिया गया और इस मामले पर थाना राम जन्मभूमि में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। 30 वर्षों चल रही सुनवाई में 2013 में आरोप पत्र दाखिल किए गए उसके बाद से आज सुनवाई के दौरान उन्हें आरोपी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई गई है।
खब्बू तिवारी के विधायक पद पर विधानसभा सचिव लेंगे फैसला जनप्रतिनिधियों के लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 2014 में मनोज नरूला बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुनाए गया था। कि फैसले के अनुसार अगर किसी सांसद या विधायक को कोर्ट द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून 1991 की धारा 1, 2, 3 में दोषी घोषित किया जाता है। तो उन्हें धारा 4 में उनके पद बने रहने के लिए किसी प्रकार से विशेष रियायत नहीं दी जाएगी। उन्हें तत्काल सांसद या विधायक पद से हटा दिया जाएगा। जिस पर प्रमुख सचिव विधानसभा के द्वारा फैसला लिया जा सकता है।