scriptट्रस्ट के विरोध में उतरे महंत धर्म दास पीएम मोदी को लिखा पत्र | Letter written to Mahant Dharam Das PM Modi in protest against trust | Patrika News

ट्रस्ट के विरोध में उतरे महंत धर्म दास पीएम मोदी को लिखा पत्र

locationअयोध्याPublished: Feb 23, 2020 07:58:43 pm

Submitted by:

Satya Prakash

राम जन्मभूमि ट्रस्ट में शामिल न होने से नाराज महंत धर्म दास ने ट्रस्ट के महामंत्री चम्पतराय पर लगाया आरोप

ट्रस्ट के विरोध में उतरे महंत धर्म दास पीएम मोदी को लिखा पत्र

ट्रस्ट के विरोध में उतरे महंत धर्म दास पीएम मोदी को लिखा पत्र

अयोध्या : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास को ट्रस्ट में शामिल न करने पर अब महंत धर्मदास ट्रस्ट के विरोध में उतर आए हैं। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताते हुए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल करने पर उंगली उठाई है।
निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि चंपत राय को ट्रस्ट में शामिल करना ट्रस्ट को भ्रष्ट करना है। चंपत राय एंड कंपनी शुरू से ही लूट खसोट का काम करती आ रही है।यह ट्रस्ट को बर्बाद कर देंगे।आरोप लगाते हुए महंत धर्मदास ने कहा कि गूंगे बहरे प्रिंसपल को राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का पदाधिकारी बना दिया गया है और इसका वे खुलकर विरोध करते हैं।
वहीं महंत धर्मदासदास ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई थी लेकिन ट्रस्ट बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी नहीं चली क्योंकि मामला केंद्र सरकार का था अगर ट्रस्ट बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चलती तो ट्रस्ट में अयोध्या के और साधु भी शामिल होते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दरअसल राम चबूतरे की लड़ाई लड़ रहे महंत धर्मदास को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार उनको ट्रस्ट में शामिल करेगी लेकिन उनको ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया।महंत धर्मदास के गुरु बाबा अभिराम दास ने ही विवादित परिसर में रामलला की मूर्ति को रखकर प्राकट्य बताया था और उसी राम चबूतरे पर रामधुन होती थी जिसके कारण पूजा का अधिकार महंत धर्मदास ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सारे दावे को नकारते हुए सिर्फ रामलला विराजमान को ही मालिकाना हक दिया इसके साथ ही टाइटिल शूट लड़ रहे निर्मोही अखाड़ा को ट्रस्ट में शामिल करने का भी आदेश दिया था। ट्रस्ट में शामिल ना होने का मलाल महंत धर्मदास को आज भी है और इसलिए वह खुलकर ट्रस्ट का विरोध कर रहे हैं।
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