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अयोध्या

राम भूमिपूजन कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने : प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्विट पर लिखा कि, सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है।

अयोध्याAug 04, 2020 / 04:00 pm

Mahendra Pratap

राम भूमिपूजन कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने : प्रियंका गांधी

राम भूमिपूजन कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने : प्रियंका गांधी

लखनऊ. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्विट पर लिखा कि, सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने एक बयान में कहा, दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्ष से हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलौकित है। भारतीय मनीषा रामायण के प्रसंगों से धर्म नीति कर्तव्यपरायणता, त्याग, उदारता, प्रेम, पराक्रम और सेवा की प्रेरणा पाती रही है। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक राम कथा अनेक रूपों में स्वयं को अभिव्यक्त करती चली आ रही है। श्रीहरि के अनगिनत रूपों की तरह ही राम कथा हरि कथा अनंता है।
युग-युगांतर से भगवान राम का चरित्र भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र रहा है। भगवान राम आश्रय हैं और त्याग भी। राम शबरी के हैं, सुग्रीव के भी। राम वाल्मीकि के भी हैं और भास के भी। राम कम्बन के भी हैं, और एषुत्तच्छन के भी। राम कबीर के भी हैं, तुलसी के हैं, रैदास के हैं। सबके दाता राम हैं। गांधी के रघुपति राघव राजा राम सबको सम्मति देने वाले हैं। वारिस अली शाह कहते हैं जो रब है वही राम है।
https://twitter.com/priyankagandhi/status/1290528776409866241?ref_src=twsrc%5Etfw
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त को निर्बल का बल कहते हैं तो महाप्राण निराला वह एक और मन रहा राम का जो न थका की कालजई पंक्तियों से भगवान राम की शक्ति की मौलिक कल्पना कहते हैं। राम सहास हैं, राम संगम हैं, राम सहयोगी हैं। राम सबके हैं। भगवान राम सबका कल्याण चाहते हैं। इसलिए मर्यादा पुरुषोत्तम है।
आगामी 5 अगस्त 2020 को रामलला के मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम रखा आ गया है भगवान राम की कृपा से कार्यक्रम उनके संदेश को प्रसारित करने वाला राष्ट्रीय एकता बंधुत्व संस्कृति सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बने। जय सियाराम

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