नए भव्य मंदिर निर्माण पर दिगंबर अखाड़े में एक बैठक हुई, बैठक में दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास, महंत सिया किशोरी शरण, महंत अवधेश दास, महंत भरत दास, महंत जनमेजय शरण, महंत राम मिलन दास, महंत पवन कुमार शास्त्री, कृपालु महाराज, राघवेश दास, महंत नारायणा चारी शामिल हुए। इस बैठक में अपनी चिंता को जाहिर करते हुए महंत सुरेश दास ने कहा, सभी संतों की इच्छा है कि यह विश्व का शीर्ष मंदिर बने। पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा, विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर रामलला का बने, इसमें मकराना के पत्थर लगे यह सभी की इच्छा है। जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण का कहना है कि राम मंदिर का नक्शा 2.77 एकड़ के हिसाब से बनाया गया था, अब पूरे 67 एकड़ में राम मंदिर बनना चाहिए।
इस पर मंदिर निर्माण के पक्ष में कई संतों ने कहाकि कुछ लोग नहीं चाहते कि मंदिर शीघ्र पूरा हो जाए। ऐसी मांग कर रहे हैं जिससे काम रुक जाए और उसमें वक्त लगे। जिस मॉडल पर ट्रस्ट की सहमति बनी वह मॉडल करोड़ों श्रद्धालु के दिलों में बसा हुआ है। मंदिर उसी मॉडल पर बनेगा। अयोध्या संत समिति अध्यक्ष संत कन्हैया दास का कहना है कि मंदिर का 60 फीसदी काम हो चुका है। उसमें बाधा न पहुंचा कर सहयोग करना चाहिए। महंत कन्हैया दास ने कहा, अब विहिप आंदोलन से जुडे़ डा. राम विलास वेदांती भी उनसे जुड़कर अपना हलकापन दिखा रहे हैं। अब एक ही मांग हो, प्रस्तावित मॉडल पर राम मंदिर जल्द बने।
राम बल्लभाकुंज मंदिर के महंत राजकुमार दास ने कहा- जो यह मांग कर रहे हैं, वे खुद मंदिर नही देख पाएगें, क्योंकि तब मंदिर बनने में 30 साल लग जाएंगे। ट्रस्ट अपना काम ईमानदारी से कर रहा है। मंदिर में बाधा पहुंचाने की साजिश रचने वाले खुद अपनी जगहंसाई करवा रहे हैं। अयोध्या के संत समाज के एक गुट की नाराजगी ट्रस्ट के महासचिव और विहिप के उपाध्यक्ष चंपत राय तक पहुंची। इस पर चंपत राय कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है, सबकुछ ठीक ठाक है।’