निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने कहा, देश में रहना है तो कोर्ट की बात मनाना पड़ेगा
राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई को लेकर 14 मार्च को होगी सभी पक्षकारो के वकील पहुचे दिल्ली

अयोध्या. राम जन्मभूमि व बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही है दिसंबर के बाद से लगातार यह तीसरी बार डेट पड़ी है, इसके पहले सभी पक्षकारों ने लगातार सुनवाई की उम्मीद लगाईं थी। लेकिन यह नहीं हो सका बीते फरवरी माह में हुए सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि यह मामला को सिर्फ जमीनी विवाद के तौर पर देखा जाएगा। इसमें सिर्फ तीन मुख्य पक्षकार रामलला, निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड को ही सुने जाएंगे तथा अभी कुछ कागजात अपूर्ण थे उन्हें भी जल्द पूरा करने की बात कही थी। जिसको लेकर 8 फरवरी को होने वाली सुनवाई को 14 मार्च के लिए टाल दिया और सभी पक्षकारों से दो सप्ताह के अन्दर अपने शेष कागजों को पूरा करने का समय दिया।
अब फिर अयोध्या के लोगों की नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है। अयोध्या में रहने वाले लोग चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम सभी चाहते है कि इस विवाद का हल जल्द से जल्द हो। 14 मार्च को होने वाली सुनवाई को लेकर हिन्दू पक्षकार में निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि 14 मार्च के सुनवाई के लिए निर्मोही अखाड़ा के सरपंच व वकील पहुंच चुके है। हमें रामलला के ऊपर विश्वास है कि जल्द से जल्द सफलता मिलेगा और उसके बाद राम मंदिर का निर्माण होगा।
कोर्ट जो भी फैसला देगा वह माना जाएगा। हम सभी पक्षों को आपस में प्रेम बनाये रखना चाहिए तथा बताया कि श्री श्री रवि शंकर ने प्रेम विश्वास बनये रखने के लिए कार्य कर रहे है यह ठीक है, लेकिन जो भगवान राम की इच्छा होगा यही होगा। रामलला के लिए कभी भी राजनीति नहीं करना चाहिए क्योंकि हम संत है वैरागी है हमेशा प्रेम बनाये रखने की जरूरत है तथा बताया कि यदि इस देश में रहते है तो देश का सर्वोच्च न्यायालय जो भी फैसला देगा उसे मानना पड़ेगा।
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