खरमास में हिन्दू रिवाज से सामूहिक विवाह कर बोले सांसद नही पड़ता कोई फर्क
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में हिन्दू रीति रिवाज से 70 जोड़ो की कराई गई शादी
धर्म नगरी अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह नहीं मानते रीति रिवाज कहा करने वाले करते हैं विवाह नहीं पड़ता है फर्क

अयोध्या : रामनगरी अयोध्या में प्रशासन ने बिना शादी के जोड़े और मुहूर्त के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह,सम्पन्न करा डाला, करीब 70 जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह को सांसद लल्लू सिंह और बीकापुर विधायक सहित आलाधिकारियों की मौजूदगी सम्पन्न तो करा दिया, , लेकिन प्रशासन ने इस बात का ज़रा भी ध्यान नहीं दिया की धर्मनगरी में होने वाले इस विवाह में वैदिक परम्पराओं का भी ख्याल रखा जाय।
हिंदू रीति रिवाज में कहा जाता है कि खरमास महीने किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं जाता है कि लेकिन अयोध्या जनपद समाज कल्याण विभाग इस मान्यता को नहीं मानता। समाज कल्याण विभाग ने आनन-फानन में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत लगभग 70 जोड़ों का विवाह कराया, जिन्हें आशीर्वाद देने के लिये बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अयोध्या सांसद लल्लू सिंह के अलावा बीकापुर विधायक शोभा सिंह चौहान व विभाग के समस्त अधिकारी मौजूद रहे। संतों की मानें तो खरमास महीने में सभी प्रकार के शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है। संतों की मानें तो चाहे वह साधारण विवाह हो या फिर सामूहिक विवाह हो, खरमास में माह में यदि शादियां होती हैं तो नवविवाहितों का दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं होता। खरमास माह में विवाह कराने के सवाल का गैर जिम्मेदाराना जबाब देते हुए सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि यह पुरानी परम्परा है, जिनको शादी विवाह करना होता है, वह कर लेते हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन सांसद जी शायद यह भूल गये कि यह आयोजन किसी भी प्रकार से व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि सामूहिक विवाह था, जो समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित किया गया था, साथ ही साथ सप्तपुरियों में से एक राम नगरी अयोध्या में आयोजित विवाह बिना वैदिक परम्परा के उचित नहीं है।
अब पाइए अपने शहर ( Ayodhya News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज