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संतों के निशाने पर राम मंदिर ट्रस्ट के कई सदस्य, लगाया गंभीर आरोप

locationअयोध्याPublished: Dec 03, 2020 08:06:50 pm

Submitted by:

Satya Prakash

राम मंदिर ट्रस्ट से नाराज महंत धर्मदास ने कहा राम मंदिर निर्माण में रोड़ा बने है चंपत राय
राम मंदिर का विरोध करने वाले ही बने हैं ट्रस्ट के सदस्य : वेदांती

संतों के निशाने पर राम मंदिर ट्रस्ट के कई सदस्य, लगाया गंभीर आरोप

संतों के निशाने पर राम मंदिर ट्रस्ट के कई सदस्य, लगाया गंभीर आरोप

अयोध्या : राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद केंद्र सरकार द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया। लेकिन ट्रस्ट में स्थान न मिलने से नाराज संतों विरोध किया था। आज एक बार फिर राम जन्मभूमि पर भगवान श्री रामलला के प्राकट्य के बाद पूजन अर्चन उत्तरदायित्व निभाने वाले महंत अभिराम दास के 39 वें पुण्य तिथि पर निर्वाणी अनी अखाड़ा केशरी महंत धरम दास व पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने ट्रस्ट के कई सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए है।
इस दौरान दिवंगत महंत अभिराम दास की 39 वीं पुण्यतिथि पर पहुंचें संतो ने चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, जानकी घाट बड़ा स्थान महंत जन्मेजय शरण, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास भी मौजूद रहे।
महंत धर्मदास ने बताया कि गुरु महाराज महंत अभिराम दास का मुख्य उद्देश्य राम मंदिर का निर्माण था और राम जन्मभूमि पर अभी जिस प्रकार से गतिरोध चल रहा है इसके लिए केंद्र सरकार वाह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नोटिस भी दिया है। वहीं आरोप लगाते हुए बताया कि सरकार ने जो ट्रस्ट बनाया है जिसमें रामलला नहीं बल्कि खुद ही मालिक बन बैठे हैं। सभी लोग बंदरबांट कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में आया है कि इस अस्थान के मालिक है रामलला है बाकी अन्य लोग सिर्फ सेवक के रूप में ही स्थान पर बैठ सकते है वहीं महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपनी मनमानी कर रहे हैं और राम मंदिर निर्माण में रोड़ा बनें है।
वहीं पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि राम जन्मभूमि पर भगवान श्री रामलला गुरु महाराज अभिराम दास द्वारा स्थापित है। सन् 1949 में जब राम जन्मभूमि परिसर में कुछ भी नहीं था। उस में श्री राम लला का स्थापना अभिराम दास जी द्वारा किया गया था तभी से उस स्थान पर हिंदुओं का कब्जा प्रारंभ हुआ और उस दौरान उस स्थान पर अभिराम दास के नाम पर कथा मंडप भी बनाया गया था। जिसे बाद में श्री राम जन्म भूमि न्यास को समर्पित कर दिया गया था। आज वह भूमि श्री रामलला की है और रहेगी और उन्हीं के नाम पर होनी चाहिए या मेरा निवेदन है। आज बड़े दिनों के बाद दिवंगत महंत अभिराम दास के पुण्यतिथि पर सभी इकट्ठा हुए हैं। वही कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में निर्वाणी अखाड़ा कि किसी भी संत का नाम नहीं आया है जबकि निर्वाणी अखाड़ा का मामले में बहुत ही बड़ा योगदान है इसलिए महंत धर्मदास के नाम को इस ट्रस्ट में शामिल करना आवश्यक है। वही अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए डॉ रामविलास दास वेदांती ने कहा कि जिन लोगों ने ट्रस्ट का निर्माण किया है उन लोगों से हमारी कोई वार्ता नहीं हुई है लेकिन या आवश्यक था कि जिन लोगों ने मंदिर निर्माण आंदोलन में सर्वे किया ऐसे लोगों को ट्रस्ट में रखना चाहिए था अब यह किस ने क्या किया इसके बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है लेकिन सबसे बड़ा आश्चर्य उस समय हुआ जब बसपा से चुनाव लड़ने के बाद घोषणा किया था कि जब मैं फैजाबाद के सांसद बन जाऊंगा तो रामलला की मूर्ति को हटाकर सुलभ शौचालय बना दूंगा। ऐसे व्यक्ति को ट्रस्ट में रखा गया दुखद है और जो कभी रामजन्मभूमि का नाम तक नहीं लिया न हीं दर्शन करने गए यह आश्चर्य की बातें है।
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